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इंटरपोल ने नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की उस रिक्वेस्ट को खारिज कर दिया, जिसमें विवादित धर्मगुरू जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की मांग की गई थी.
इंटरपोल का कहना है कि एनआईए ने उस वक्त रेड कॉर्नर नोटिस की मांग की है, जब जाकिर नाईक के खिलाफ चार्जशीट तक दर्ज नहीं है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंटरपोल का कहना है कि एनआईए ने इस साल मई में रेड कॉर्नर नोटिस के लिए आवेदन दिया था. जबकि उन पर एफआईआर अक्टूबर में दर्ज की गई थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एनआईए रेड कॉर्नर नोटिस के लिए सोमवार को दोबारा आवेदन देगी. इसके साथ चार्जशीट की कॉपी लगाई जाएगी.
जाकिर नाईक के फाउंडेशन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को अक्टूबर 2016 में एक गैरकानूनी संगठन करार दिया गया था. इसके बाद नाईक पर Unlawful Activities (Prevention) Act के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. उन पर युवाओं को आतंकवादी संगठनों की तरफ जाने के लिए प्रेरित करने का आरोप था.
नाईक एक जुलाई 2016 को भारत से बाहर चले गए थे. फिलहाल नाईक मलेशिया में है. यह घटना बांग्लादेश में कुछ आतंकियों के जाकिर नाईक की स्पीच से प्रभावित होने का दावा करने के बाद की है.
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