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SP-BSP गठबंधन से घबराकर बनारस छोड़ सकते हैं PM मोदी : भदौरिया

यूपी में एसपी-बीएसपी गठबंधन के क्या मायने हैं? कांग्रेस को गठबंधन में साथ क्यों नहीं लिया गया?

क्विंट हिंदी
भारत
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SP-BSP गठबंधन से घबराकर बनारस छोड़ सकते हैं मोदी- भदौरिया का दावा
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SP-BSP गठबंधन से घबराकर बनारस छोड़ सकते हैं मोदी- भदौरिया का दावा
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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  • वीडियो प्रोड्यूसर: अक्षय प्रताप सिंह
  • वीडियो एडिटर: वरुण शर्मा

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने हाल ही में अपने गठबंधन की घोषणा की है. दोनों पार्टी यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. इस गठबंधन ने अमेठी और रायबरेली की सीटों को खाली छोड़ दिया है, जबकि बाकी बची दो सीटों के बारे में अभी कोई घोषणा नहीं की गई है.

इस गठबंधन के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. जैसे कि यूपी में इस गठबंधन के क्या मायने हैं? इस गठबंधन में कांग्रेस को जगह क्यों नहीं दी गई? ऐसे ही सवालों के जवाब के लिए क्विंट ने बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया से बातचीत की.

क्या एसपी-बीएसपी गठबंधन, मजबूरी में किया गया गठबंधन है?

ये मजबूरी का गठबंधन नहीं है.ये वैचारिक गठबंधन है.1955-56 में डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कोशिश की थी कि बाबा साहब के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का रिपब्लिकन पार्टी में विलय हो जाए. उसके बाद कांशीराम ने शुरुआत की, फिर समाजवादी पार्टी के साथ हम लोगों के रिश्ते बने. बीच में खटास जरूर आई थी. उसके बाद हमने देखा कि गोमती और यूपी की तमाम नदियोंके पुलों के नीचे से बहुत पानी बह गया. आज हमारी ऑर्गेनिक यूनिटी है, वैचारिक एकता है. हम मंडल कमीशन के पक्ष में हैं. हम रिजर्वेशन के भी पक्ष में हैं. हम महिलाओं के लिए न्याय के पक्ष में हैं. हम धर्मनिरपेक्षता की सबसे बड़ी ताकत हैं.

कांग्रेस को इस गठबंधन में क्यों जगह नहीं मिली?

कांग्रेस पार्टी को पिछले चुनाव में, आप 2017 के आंकड़े भी देख लें, तो उनको 7% वोट मिले थे और 7 ही सीटें मिलीं. एसपी और बीएसपी को मिलाकर 45% वोट मिले.45% के सामने, कहां ये 7%?

कांग्रेस को लेकर बीएसपी का क्या रुख क्या है?

वो मंडल आयोग के विरोधी थे. उन्होंने बाबा साहब को चुनाव में हराने का काम किया था. हिंदू कोड बिल पर वो बाबा साहब के खिलाफ थे. कांग्रेस पार्टी के रास्ते अलग हैं, हमारे रास्ते अलग हैं.हम अपनी मंजिल की ओर लगातार बढ़ रहे हैं.

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अमेठी और रायबरेली की सीटें खाली क्यों छोड़ी जा रही हैं?

मायावती जी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोला, वो (राहुल गांधी) कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. हम भी वहां उम्मीदवार खड़ा करते तो ये लोग फंस जाते वहां चुनाव में. हम ये नहीं चाहते कि पार्टी ही खत्म हो. ये दूसरे राज्यों में कोशिश करें. बीजेपी को रोकने की ये भी कोशिश करें.

क्या बीएसपी भविष्य में कांग्रेस के साथ जाएगी?

राजनीति संभावनाओं का खेल है. हम अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे. रणनीति तो परिस्थितियों पर बनती है. हमको ट्रेन से जाना है या बस से जाना है. हमको जाना लखनऊ है, कैसे जाना है, ये तो मायावती जी तय करेंगी.

'मोदी जी घबराए हुए हैं, नहीं बता रहे कहां से लड़ेंगे चुनाव'

बातचीत के दौरान सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन की घोषणा के बाद नरेंद्र मोदी डर गए हैं. उन्होंने कहा,

मोदी जी, डर की वजह से अभी (चुनाव लड़ने के बारे में) घोषणा ही नहीं कर पाए हैं, बातें तो बहुत कही हैं उन्होंने. उनकी हवाइयां निकल गई हैं जब से ये (एसपी-बीएसपी गठबंधन की) घोषणा हुई है. वो तो बनारस से लड़ने की भी घोषणा नहीं कर पा रहे हैं. हमने तो इतनी घोषणाएं कर दीं. वो कम से कम ये तो कहें कि कहां से लड़ने वाले हैं. कोई कहता है कि ओडिशा जाएंगे. कोई कहता है कि गुजरात जाएंगे. उत्तर प्रदेश में उनके लिए कोई स्थान नहीं है.
सुधींद्र भदौरिया

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Published: 15 Jan 2019,03:15 PM IST

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