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‘भीम’ के बाद अब आ गया है देश का अपना डिजिटल पेमेंट कोड ‘भारत QR’

क्यूआर कोड के जरिए और आसान होगा डिजिटल पेमेंट

क्‍व‍िंट कंज्यूमर डेस्‍क
भारत
Updated:
(फोटोः @NPCI_NPCI)
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(फोटोः @NPCI_NPCI)
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कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के बाद अब सरकार कार्डलेस पेमेंट को बढ़ावा देने जा रही है. और ये होने जा रहा है ‘भारत क्यूआर कोड’ की मदद से, जो आज लॉन्च हो गया है. क्यूआर यानी क्विक रेस्पॉन्स कोड, जिसकी मदद से आप कार्ड स्वाइपिंग मशीन के बिना भी सिर्फ अपने स्मार्टफोन के जरिए रिटेल पेमेंट कर सकेंगे.

क्या होता है क्यूआर कोड?

अगर आप पेटीएम या मोबिक्विक जैसे ई-वॉलेट यूज करते हैं तो आप क्यूआर कोड को जरूर पहचानते होंगे. ये सफेद पृष्ठभूमि पर काले वर्गों और रेखाओं से बना एक ग्रिड होता है, जिसमें उस चीज की जानकारी छिपी होती है जिस पर ये लगाया जाता है. अगर आप किसी ई-वॉलेट यूजर को उसका क्यूआर कोड स्कैन कर पेमेंट करते हैं, तो उस क्यूआर कोड में उस यूजर की जानकारी होती है. यानी, हर यूजर का क्यूआर कोड अलग-अलग होगा.

‘भारत क्यूआर’ से और आसान होगा ई-पेमेंट

इससे आपको पेमेंट करने के लिए मर्चेंट की आईडी, फोन नंबर या अकाउंट नंबर डालने की जरूरत नहीं पड़ती. जाहिर तौर पर टाइपिंग में गलती होने की कोई संभावना नहीं होगी, ना ही गलती से किसी और को पेमेंट होने का खतरा रहेगा.

भारत क्यूआर नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई, मास्टरकार्ड, वीजा और अमेरिकन एक्सप्रेस ने मिलकर बनाया है. इससे पेमेंट के लिए आपको अपने स्मार्टफोन पर क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा और ट्रांजैक्शन की रकम डालनी होगी, इसके बाद आपको अपना मोबाइल पिन डालना होगा और वो रकम आपके बैंक अकाउंट से सीधे मर्चेंट के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी.

‘भारत क्यूआर’ इंटरऑपरेबल कोड है यानी आप इसकी मदद से किसी भी बैंक के कार्ड से किसी भी बैंक अकाउंट पर पेमेंट कर सकते हैं. फिलहाल देश के 15 बैंक ‘भारत क्यूआर’ को अपनाने के लिए तैयार हो गए हैं, जिनमें एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और एक्सिस बैंक भी शामिल हैं.

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कैसे होगा ‘भारत क्यूआर’ का इस्तेमाल?

‘भारत क्यूआर’ का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने स्मार्टफोन में उस बैंक का ऐप डाउनलोड करना होगा, जो भारत क्यूआर कोड को सपोर्ट करता है.

भारत क्यूआर कोड दो रूप में आएगा- स्टैटिक और डायनामिक. स्टैटिक क्यूआर कोड में आपको पहले कोड स्कैन करना होगा, फिर अपने स्मार्टफोन में रकम लिखने के बाद मोबाइल पिन डालना होगा. डायनामिक क्यूआर कोड के मामले में मर्चेंट हर ट्रांजैक्शन के लिए नया कोड जेनरेट कर सकेगा, जिससे यूजर को कोड स्कैन करने के बाद सिर्फ मोबाइल पिन डालना होगा. डायनामिक क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट करने पर रकम लिखने की भी जरूरत नहीं होगी.

फिलहाल ‘भारत क्यूआर’ सिर्फ स्मार्टफोन्स पर मौजूद है, लेकिन इसे जल्द ही फीचर फोन के लिए भी लॉन्च किया जाएगा. यही नहीं, ‘भारत क्यूआर’ आधार-इनेबल्ड पेमेंट और यूपीआई सिस्टम पर भी काम करेगा. ‘भीम’ के बाद ‘भारत क्यूआर’ की मदद से सरकार डिजिटल पेमेंट को आसान और सबकी पहुंच के भीतर लाने की कोशिश कर रही है.

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Published: 20 Feb 2017,07:30 PM IST

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