Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019ट्रेनों में लिखा होगा, ‘कोई टिप न दें, बिल न मिलने पर खाना मुफ्त’

ट्रेनों में लिखा होगा, ‘कोई टिप न दें, बिल न मिलने पर खाना मुफ्त’

अब ट्रेनों में नहीं देना होगा कोई टिप, जानिए पूरी खबर

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
अब ट्रेनों में लिखा होगा अगर बिल नहीं तो खाना मुफ्त
i
अब ट्रेनों में लिखा होगा अगर बिल नहीं तो खाना मुफ्त
(फोटो: pixabay)

advertisement

नए साल में ट्रेनों में कैटरिंग को लेकर अब कुछ नए बदलाव किए जाएंगे. इस साल मार्च से ट्रेनों में खाने के सामानों की प्राइज लिस्ट सार्वजनिक रूप से लगाई जाएगी. इसके साथ ही यह भी लिखा होगा कि, ‘कृपया कोई टिप नहीं दें, अगर बिल नहीं मिला तो आपका भोजन मुफ्त है.’

गैर-सुरक्षा शिकायतों के लिए जारी होगा हेल्पलाइन नंबर

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कैटिरंग सेवाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी जोनल रेलवे को इस संबंध में निर्देश दिये हैं. रेलवे के सीनियर अधिकारियों के साथ गुरुवार को एक हाई लेवल की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में पीयूष गोयल ने यह भी निर्देश दिये कि जनवरी 2019 के अंत तक पैसेंजर की सुविधा के लिए, सभी गैर सुरक्षा शिकायतों पर एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए.

बैठक में मौजूद एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक रेल मंत्री ने कहा कि, “वाईफाई कनेक्टिविटी को मौजूदा 723 स्टेशनों से बढ़ाकर दो हजार स्टेशनों पर की जानी चाहिए. उन्होंने स्टेशनों पर वाईफाई का काम जल्द पूरा करने में संबंधित रेलवे मैनेजरों को पुरस्कार का प्रस्ताव दिया.”

(सांकेतिक फोटो: iStock)

कैटरिंग स्टाफ को मिलेगी स्वाइप और बिल निकालने वाली मशीन

अधिकारी ने बताया कि मंत्री ने सलाह दी है कि 31 मार्च 2019 तक सभी ट्रेनों में कैटरिंग स्टाफ और टीटीई को स्वाइप और बिल निकालने वाली मशीनों के साथ पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें दी जानी चाहिए.

ट्रेनों में लगेगी प्राइज लिस्ट, टिप न देने का होगा निर्देश

अधिकारी ने कहा कि कैटरिंग सुविधाओं वाली सभी ट्रेनों में मार्च 2019 तक प्राइज लिस्ट लग जानी चाहिए. इसके साथ यह भी लिखा होना चाहिए कि, ‘कृपया कोई टिप नहीं दें, अगर कोई बिल नहीं दिया जाता है तो आपका भोजन मुफ्त है.'

बता दें कि डिजिटल इंडिया मिशन को देखते हुए रेलवे के सभी जोनों और डिवीजनों ठेके देने के लिए ई-टेंडर मोड अपनाने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. रेलवे की साफ्टवेयर शाखा सेंटर फार रेलवे इन्फार्मेशन सिस्टम (सीआरआइएस) को ई-टेंडरिंग को आसान बनाने का जिम्मा सौंपा गया है.

(इनपुट: भाषा)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT