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PM मोदी के सिख समुदाय के समर्थन को लेकर IRCTC ने भेजे 2 करोड़ ईमेल

रिपोर्ट के मुताबिक, IRCTC ने 8 दिसंबर से 12 दिसंबर के बीच अपने कस्टमर्स को ये ईमेल्स भेजे.

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भारत
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IRCTC की तरफ से कस्टमर्स को भेजे गए ईमेल्स
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IRCTC की तरफ से कस्टमर्स को भेजे गए ईमेल्स
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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भारतीय रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने 8 दिसंबर से 12 दिसंबर के बीच, अपने कस्टमर्स को करीब 2 करोड़ ईमेल भेजे, जिसमें पीएम मोदी द्वारा सिख समुदाय के लिए 13 फैसलों का जिक्र था. ये सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर IRCTC की काफी आलोचना हो रही है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, IRCTC ने मेल पर 47 पन्नों का एक अटैचमेंट भेजा, जिसका टाइटल था, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सिख समुदाय के साथ संबंध अटूट, दृढ़ और अडिग.” ये बुकलेट हिंदी, अंग्रेजी और पंजाबी में भेजी गई.

बताया जा रहा है कि ये ईमेल IRCTC के पूरे डेटाबेस को भेजे गए. 12 दिसंबर को ये मेल आने बंद हो गए.

रिपोर्ट के मुताबिक, इस बुकलेट में 1984 सिख दंगों के पीड़ितों को मिले न्याय, जलियांवाला बाग मेमोरियल, लंगर पर कोई टैक्स नहीं, करतारपुर कॉरिडोर जैसे मुद्दे लिखे थे. इस बुकलेट को 1 दिसंबर को गुरु नानक जयंकी के मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और हरदीप सिंह पुरी ने लॉन्च किया था.

IRCTC का इनकार

सरकार के ईमेल द्वारा सिख किसानों तक पहुंचने की खबर सामने आने के बाद, 13 दिसंबर को, IRCTC ने सफाई में कहा कि ये मेल किसी खास समुदाय को नहीं भेजे गए हैं.

IRCTC ने अपने बयान में कहा, “हम ये बताना चाहेंगे कि मीडिया रिपोर्ट में IRCTC के कमेंट को सही तरह से नहीं दिखाया गया है, और किसी भी विशेष समुदाय को कोई भी खास तरह का मेल नहीं भेजा गया है. ये पहली बार नहीं है. इससे पहले भी सरकार की स्कीमों को प्रमोट करने के लिए IRCTC द्वारा ऐसा किया जा चुका है.”

रिपोर्ट के मुताबिक, IRCTC ने पांच दिनों में 1.9 करोड़ ईमेल भेजे.

किसानों की प्रदर्शन जारी

दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, वहीं सरकार इसमें संशोधन को तैयार है. किसान नेताओं और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही है. किसानों के गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात में भी समस्या का हल नहीं निकला है.

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