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उत्तरप्रदेश में योगी सरकार इस समय शहरों के नाम बदलने में विशेष रुचि ले रही है. मामले पर कमेंट करते हुए मशहूर इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा है कि बीजेपी को अपने प्रेसिडेंट का नाम भी बदल देना चाहिए. उनके नाम में लगा ‘शाह’ फारसी भाषा का शब्द है.
नाम बदलने की मुहिम को पाकिस्तान में गैर इस्लामिक चीजों को हटाने की कवायद से जोड़ते हुए हबीब ने कहा,
हबीब का कमेंट, BJP विधायक जगन प्रसाद गर्ग के सीएम को लिखे लेटर पर था. गर्ग ने आगरा का नाम बदलकर अग्रवन या अग्रवाल करने की मांग की
अग्रवाल समुदाय के आगरा से होने की बात को भी प्रोफेसर हबीब ने खारिज किया है. उनका कहना है कि न केवल अग्रसेन महाराज वाली स्टोरी मिथ है, बल्कि अग्रवाल समुदाय का मूल स्थान हरियाणा में अग्ररोहा है, आगरा नहीं. इसलिए आगरा के नाम बदलने को कही जा रही दोनों बातों में कोई तर्क नहीं है.
आगरा के बारे में बताते हुए प्रोफेसर हबीब ने कहा,'हमने पहली बार आगरा शब्द का इस्तेमाल सिकंदर लोदी के काल में 15 वीं शताब्दी में सुना है. इसके पहले यह इलाका गंगा और यमुना के बीच के दोआब के नाम से जाना जाता था.'
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