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पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इंडियन सिक्योरिटी फोर्सेस के अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का इस्तेमाल किया है. यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने सोमवार को दी.
राज्यसभा में एक सवाल पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की आईएसआई भारतीय अधिकारियों को फंसाने के लिए हनीट्रैप का इस्तेमाल करती है? इसके जवाब में मंत्री ने कहा, "आईएसआई इंडियन सिक्योरिटी फोर्सेस के अफसरों को हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश कर रहा है."
उन्होंने कहा कि सेवा कर्मियों और उनके परिवारों को नियमित तौर पर विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा हनीट्रैप के इस्तेमाल पर मॉडस-ऑपरेंडी के तौर पर जागरूक किया जाता रहा है.
मंत्री ने कहा, "अनुपालन के लिए सभी संबंधितों को सलाह जारी की गई है और जीरो टॉलरेंस नीति के तहत डिफॉल्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं."
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण संस्थानों में भी नए लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
पिछले महीने हनीट्रैप की कुछ घटनाओं के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने एक एडवाइजरी जारी की थी. इसमें कर्मियों को सतर्क रहने और विदेशी नेताओं या विदेशी मूल की महिलाओं के अलावा अजनबियों के साथ मित्रतापूर्ण व्यवहार करने से बचने के लिए कहा गया है.
भारतीय सेना के जवानों को फंसाने के लिए पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली लगभग 150 प्रोफाइलों की पहचान भी की गई है.
एडवाइजरी में कहा गया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां भारतीय सुरक्षाकर्मियों खासकर भारतीय सेना के जवानों को निशाना बना रही हैं, जो संवेदनशील इलाकों में तैनात हैं.
सेना ने सभी से कहा है कि वे सोशल मीडिया पर जरूरी जानकारी शेयर न करें और हनीट्रैप के प्रति सतर्क रहें.
पाकिस्तान के सोशल मीडिया ऑपरेटर्स भारतीय मूल के व्यक्ति के रूप में अपनी आईडी बनाते हैं और नकली नाम और पहचान के साथ जान-पहचान बनाने की कोशिश करते हैं.
(इनपुट-आईएएनएस)
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