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पिछले दिनों यरूशलम मामले पर भारत ने इजरायल और अमेरिका के खिलाफ यूएन में वोटिंग की थी. कुछ लोगों का मानना था कि इससे भारत और इजरायल के मजबूत होते संबंधों पर नकारात्मक असर पड़ेगा.
लेकिन भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कारमॉन का कहना है कि दोनों देशों के संबंध एक वोट से कहीं ज्यादा मायने रखते हैं. हांलाकि कारमॉन ने कहा कि जेरूसलम पर वोटिंग इजरायल के लिए बहुत मायने रखती है. भारत और इजरायल के बीच यह मामला हमेशा ज्वाइंट एजेंडा रहेगा. यूएन वोटिंग पर एक सवाल का जवाब देते हुए कारमॉन ने कहा,
डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव लाया गया था. इसके समर्थन में भारत समेत 128 देशों ने मतदान किया. 9 देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोटिंग की, जबकि 35 देश इससे दूर रहे. भारत ने वोटिंग में फिलिस्तीन का साथ दिया था.
यरूशलम इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के सबसे अधिक विवादास्पद विषयों में एक है. दोनों देश उसे अपनी राजधानी होने का दावा करते रहे हैं. 6 दिसंबर को ट्रंप ने यरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने का फैसला किया था. यह संयुक्त राष्ट्र संघ में हुई सहमति से अलग था.
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