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Israel–Palestinian Conflict: इजरायल-फिलिस्तीन के बीच युद्ध जारी है. दोनों एक-दूसरे पर लगातार हमले कर रहे हैं. और इससे मौत का आकंड़ा भी बढ़ता जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार, 10 अक्टूबर को इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) से फोन पर बातचीत की और कहा कि भारत इस मौके पर इजरायल के साथ खड़ा है. पीएम मोदी ने इसकी जानकारी अपने एक्स हैंडल (पहले ट्विटर) पर दी.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि, “मैं प्रधान मंत्री नेतन्याहू को उनके फोन कॉल और मौजूदा स्थिति पर अपडेट प्रदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं. भारत के लोग इस मुश्किल घड़ी में इजरायल के साथ मजबूती से खड़े हैं. भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की दृढ़ता से और स्पष्ट रूप से निंदा करता है."
यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल का कहना है कि उन्होंने मंगलवार, 10 अक्टूबर को ब्लॉक के विदेश मंत्रियों की एक आपातकालीन बैठक को संबोधित करने के लिए इजरायल और फिलिस्तीनी के टॉप डिप्लोमेट्स को बुलाया है.
बोरेल ने कहा कि इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन और उनके फिलिस्तीनी समकक्ष रियाद अल-मलिकी को भाग लेने के लिए कहा गया था.
इजरायल ने गाजा को चारों तरफ से ब्लॉक कर दिया है और बिली-पानी-राशन की सप्लाई बंद कर दी है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (UN High Commissioner for Human Rights) वोल्कर तुर्क ने मंगलवार, 10 अक्टूबर को जिनेवा में कहा कि लोगों को जीवित रहने के लिए जो कुछ भी चाहिए उससे वंचित करना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपराध है.
उन्होंने कहा, "नागरिकों को उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक सामान से वंचित करके उनके जीवन को खतरे में डालने वाली घेराबंदी करना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत निषिद्ध है."
"घेराबंदी को लागू करने के लिए लोगों और सामानों की आवाजाही पर कोई भी प्रतिबंध सैन्य आवश्यकता द्वारा उचित ठहराया जाना चाहिए अन्यथा इसके लिए सामूहिक दंड हो सकता है."
इजरायल रक्षा बलों ने कहा कि उन्होंने मंगलवार, 10 अक्टूबर की सुबह गाजा पट्टी के साथ लगे अपने इलाके की सीमा पर नियंत्रण हासिल कर लिया है. इजरायली सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल रिचर्ड हेचट ने कहा कि दक्षिणी इजरायल के आसपास हमास के 1,500 आतंकवादियों के शव मिले हैं.
हमास को कड़ी चेतावनी देते हुए, इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा कि "हालांकि इजरायल ने इस युद्ध को शुरू नहीं किया है, लेकिन इसे खत्म हम करेंगे."
हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत, इजरायल ने 3,00,000 सैनिक जुटाए हैं. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, 1973 के योम किप्पुर युद्ध के बाद यह सबसे बड़ी लामबंदी है, जब इजरायल ने 400,000 रिजर्व सैनिकों को बुलाया था.
प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक संबोधन में कहा, "इजरायल युद्ध में है, हम यह युद्ध नहीं चाहते थे. इसे सबसे क्रूर और बर्बर तरीके से हम पर थोपा गया था. हालांकि, इजरायल ने इस युद्ध की शुरुआत नहीं की, लेकिन इजरायल इसे खत्म करेगा."
हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हानियेह का कहना है कि जब तक लड़ाई खत्म नहीं हो जाती तब तक वह बंधक बनाए गए बंधकों के बारे में इजरायल के साथ बातचीत नहीं करेगा.
उन्होंने कहा कि, "हमने उन सभी पक्षों को सूचित कर दिया है जिन्होंने हमारे पास कैद दुश्मन के कैदियों के संबंध में हमसे संपर्क किया था, हमने कहा है कि यह फाइल लड़ाई की समाप्ति से पहले नहीं खोली जाएगी. और यह केवल उस कीमत पर होगा जिसे हमास स्वीकार करेगा."
इजरायल का अनुमान है कि हमास ने 100 से 150 लोगों को पकड़ रखा है, जिन्हें शनिवार को दक्षिणी इजरायल से अपहरण कर लिया गया था.
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