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चंद्रयान-2 का लैंडर 'विक्रम' चांद पर उतरने से ठीक पहले संपर्क टूट गया है. इसरो आंकड़े जुटाने की कोशिश कर रहा है. इसरो चीफ के. सिवन ने कहा, "लैंडर से संपर्क बनाए जाने की कोशिश की जा रही है. चांद की सतह से करीब 2 किमी ऊपर संपर्क टूट गया." हालांकि मिशन के असफल होने अभी इसरो की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है.
रात 1:37 बजे लैंडर 'विक्रम' के चांद पर उतरने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. इसरो के मुताबिक, करीब 15 मिनट बाद रात 1:53 मिनट पर इसे लैंड होना था. लेकिन इससे पहले ही इसरो का संपर्क टूट गया.
चंद्रयान का संपर्क टूटने से बेंगलुरु मुख्यालय में मौजूद पीएम मोदी वैज्ञानिकों और पूरे देश का हौसला बढ़ाते दिखे. पीएम ने कहा, "आपने बहुत अच्छा काम किया है. जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. देश को आप पर गर्व है. मैं पूरी तरह वैज्ञानिकों के साथ हूं. अपना हौसला बनाए रखिए."
चांद की सतह पर चंद्रयान-2 की लैंडिंग के ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए पीएम मोदी भी इसरो सेंटर पहुंचे थे.
भारत ने अपने हेवी लिफ्ट रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल GSLV MkIII-M1 की मदद से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया था. स्पेसक्राफ्ट के तीन सेगमेंट थे- ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, 8 पेलोड्स), लैंडर 'विक्रम' (1,471 किलोग्राम, 3 पेलोड्स) और एक रोवर 'प्रज्ञान' (27 किलोग्राम, 2 पेलोड्स).
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