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Chandrayaan-3: कब लॉन्च होने को तैयार चंद्रयान-3, ISRO ने ऐलान करके क्या बताया?

chandrayaan-3 चंद्रयान-2 का फॉलो-ऑन मिशन है, जो चांद पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की पूरी कैपेबिलिटी को दिखाता है.

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<div class="paragraphs"><p>Chandrayaan-3: लॉन्च होने को तैयार है चंद्रयान-3, ISRO ने ऐलान करके क्या बताया?</p></div>
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Chandrayaan-3: लॉन्च होने को तैयार है चंद्रयान-3, ISRO ने ऐलान करके क्या बताया?

(फोटो-PTI)

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार, 6 जुलाई को ऐलान किया कि 14 जुलाई को चंद्र मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च किया जाएगा. इसरो का नया हेवीलिफ्ट लॉन्च वेहिकल एलवीएम-3 एक इंटीग्रेटेड मॉड्यूल लेकर इस दिन दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा.

इस बात की जानकारी इसरो के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में दी गई है.

23 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंड करने की उम्मीद

चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग पर जी20 अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था नेताओं की बैठक के दौरान इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि 14 जुलाई को चंद्रयान-3 उड़ान भरेगा और अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह 23 अगस्त को लैंड करेगा.

उन्होंने आगे कहा कि तारीख इस आधार पर तय की जाती है कि चंद्रमा पर सूर्योदय कब होगा. यह तो कैलकुलेशन पर निर्भर करेगा लेकिन अगर इसमें देरी हुई तो हमें लैंडिंग अगले महीने सितंबर के लिए रखनी होगी.

ISRO चीफ ने पिछले महीने किया था ऐलान

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पिछले महीने ऐलान किया था कि वे 13-19 जुलाई के बीच अपने तीसरे मून मिशन के लॉन्च की योजना बना रहे हैं.

एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-3 लगभग तैयार है. फाइनल इंटेग्रेशन और टेस्टिंग लगभग पूरी हो चुकी है. कुछ टेस्ट अभी रह गए हैं, इसलिए हम इसे थोड़े वक्त बाद करना चाहते हैं. दो स्लॉट खाली थे- एक फरवरी में और दूसरा जून में. हम चाहते हैं कि जून 2023 वाले स्लॉट पर लॉन्चिंग हो.

चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलो-ऑन मिशन है, जो चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने की पूरी कैपेबिलिटी को दिखाता है.

इस साल मार्च में चंद्रयान -3 स्पेसक्राफ्ट ने जरूरी टेस्टिंग को पूरा किया. इससे यह पता चलता है कि अंतरिक्ष यान अपने लॉन्चिंग के दौरान जोरदार कंपन और तेज आवाज का सामना कर सकता है.

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2019 में मिशन हुआ था फेल

चंद्रमा पर भारत का दूसरा मिशन चंद्रयान-2, 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. लेकिन 6 सितंबर की सुबह विक्रम चंद्र लैंडर के साथ चांद पर हादसा होने के बाद यह मिशल फेल हो गया.

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