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रंगों के त्योहार होली का हर किसी को इंतजार रहता है. होली(Holi) एक ऐसा त्योहार होता है जो दुश्मनी को भुलाकर आपस में गले लगने को मजबूर कर देता हैं. इस दिन पूर देश में रंग-गुलाल उड़ता दिखाई देता है. इस होली पर हम आपको बता रहे हैं कि देश की सीमा पर तैनात BSF, ITBP और ARMY के जवान परिवार से दूर देश की रक्षा करते हुए कैसे होली का जश्न मनाते हैं.
जम्मू के गजनूस इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवानों ने तो एक दिन पहले 17 मार्च को ही होली मनाई. वे बॉलीवुड सॉन्ग 'रंग बरसे' खूब नाचे. पुंछ में भारतीय सेना की दुर्गा बटालियन में जवानों ने होली खेली. बीएसएफ सेक्टर गुरदासपुर के डीआइजी प्रभाकर जोशी के निर्देश पर बीएसएफ की विभिन्न बटालियनों हैडक्वार्टर व बीओपी पर पूजन के बाद होलिका जलाई गई. बटालियन के मंदिरों के पुजारियों ने पूजा की.
सीमा पर देश के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवान भी खूब धूमधाम से होली मनाते हैं. हालांकि, वो अपने परिवार से दूर होते हैं लेकिन यूनिट के अन्य जवानों के साथ मिलकर एक परिवार की तरह होली मनाते हैं. होली मिलन के समय देशभक्ति गानों पर सब जवान एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामानाएं देते हैं. इसके बाद इन गानों पर जमकर डांस करते हैं.
2021 में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी जवानों ने होली मनाई थी. इसके साथ ही लद्दाख में 17,000 फीट की ऊंचाई पर गलवान घाटी के पास ITBP के जवानों ने होली का पर्व मनाया था. ITBP के इन जवानों का होली मनाने का एक वीडियो भी जारी किया गया था. जिसमें जवान एक दूसरे को रंग लगाते और जश्न मनाते दिखे थे. इस दौरान हरियाणवी गीत 'नौलखे ने फेल किया तेरे माथे वाला टीका' पर जवानों ने जमकर डांस भी किया था. इस बार भी यहां तैनात जवान ऐसे ही होली मनाएंगे.
भारतीय सेना के जवान सीमा पर होली कैसे मनाते हैं, इसे और करीब से जानने के लिए हमने मथुरा के रहने वाले भारतीय सेना के जवान नायक जगपाल सिंह से बात की, तो उन्होंने बताया कि,
वहीं, एक और भारतीय सेना के जवान धर्मपाल सिंह ने बताया कि, सीमा पर होली मनाने का जश्न बेहद खास होता है. हमारी होली अलग नहीं होती लेकिन देशभक्ति गानों पर होली मनाते हैं, तो जोश और हाई हो जाता है. बिना भेदभाव के हम सभी जवान इस पर्व को मनाते हैं. उन्होंने आगे बताया कि होली के दिन अन्य दिनों की अपेक्षा खाना स्पेशल होता है.
साल 2018 में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में पर नक्सली मोर्चे पर तैनात ITBP के जवानों ने बिना रंग-गुलाल के होली मनाई थी. इसका मकसद प्रदूषण मुक्त वातावरण में त्योहार मनाने का संदेश देना था. इसी तरह ये जवान हर बार कोई मकसद या संदेश त्योहारों में जरूर रखते हैं.
त्योहार कोई भी हो उसका अपना आनंद और उल्लास होता है. होली पर संस्कृति के रंग में रंगकर सारी भिन्नताएं मिट जाती हैं. सब बस एक रंग के हो जाते हैं.
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