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25 जून की देर शाम चंद्रबाबू नायडू के 'प्रजा वेदिका' को ढहा दिया गया. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सोमवार को इसे गिराने का आदेश दिया था. जगनमोहन रेड्डी इसी प्रजा वेदिका में कलेक्टरों के साथ मीटिंग कर रहे थे. मीटिंग के बाद इसे गिराने का आदेश देते हुए जगनमोहन ने कहा कि प्रजा वेदिका अवैध तरीके से कई नियमों की अनदेखी कर बना है. साथ ही ये भी कहा कि प्रजा वेदिका में ये आखिरी मीटिंग है.
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रजा वेदिका लोगों की फरियाद सुनने के लिए बनाया था. बीते 5 जून को नायडू ने मौजूदा सीएम जगनमोहन रेड्डी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि प्रजा वेदिका उन्हें ऑफिस के तौर पर मुहैया कराया जाए जहां से वो नेता प्रतिपक्ष का काम कर सकें.
लेकिन प्रशासन ने इसे एक दिन पहले ही गिराने का फैसला लिया और मंगलवार देर रात प्रजा वेदिका को गिरा दिया गया. बता दें कि नायडू मंगलवार रात नायडू अपने घर आने वाले थे. जैसे ही नायडू का काफिला एयरपोर्ट से घर के लिए रवाना हुआ. यहां उनके घर से सटे प्रजा वेदिका को गिराने का काम शुरू हो गया.
आंध्र प्रदेश की नई सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में कटौती कर दी है. टीडीपी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि नायडू और उनके परिवारवालों को इस बात की जानकारी तब मिली जब वे यूरोप से छुट्टी मनाकर मंगलवार को घर लौटे.
टीडीपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश की सुरक्षा घटा दी गई है. पहले उनके पास 'जेड' श्रेणी का कवर था, उसे अब 'वाई' कर दिया गया है. उन्हें अब 2 प्लस 2 सुरक्षाकर्मी दिए जाएंगे. पहले उन्हें 5 प्लस 5 सुरक्षाकर्मी मिले थे. लोकेश अपने पिता के मंत्रिमंडल में मंत्री थे. 11 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव में टीडीपी की हार के बाद राज्य में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार है.
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