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विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल हो गए. इसके कुछ ही घंटों बाद पार्टी ने उन्हें गुजरात राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है.
एस जयशंकर को 30 मई को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. मंत्री पद पर शपथ लेने के छह महीने के भीतर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना अनिवार्य होता है. फिलहाल जयशंकर संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं हैं. इसलिए पार्टी ने उन्हें गुजरात राज्यसभा उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है. गुजरात की दूसरी सीट पर जेएम ठाकोर राज्यसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवार होंगे.
जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल की विदेश नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जयशंकर को नई मंत्रिपरिषद में शपथ दिलाई गई और 30 मई को विदेश मंत्रालय का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया.
साल 1977 बैच के आईएफएस अधिकारी ने विदेश मंत्रालय में कई पदों पर सेवाएं दी हैं और अमेरिका, चीन जैसे अहम देशों में भारतीय राजदूत के रूप में महत्वपूर्ण समय में सेवाएं दी हैं. जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव रहे और मोदी के पहले कार्यकाल में विदेश नीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे प्रमुख देशों, विशेष रूप से अमेरिका और अरब देशों के साथ भारत के संबंधों में महत्वपूर्ण विकास और विस्तार हुआ.
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