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जामा मस्जिद में अकेली महिलाओं की एंट्री बैन,राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया

मस्जिद के तीनों प्रवेश द्वार के बाहर साइन बोर्ड लगाए गए हैं जिन पर लिखा है अकेली लड़की/लड़कियों का प्रवेश वर्जित है.

आईएएनएस
भारत
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<div class="paragraphs"><p>Jama Masjid में अकेली महिलाओं की एंट्री बैन,राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया</p></div>
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Jama Masjid में अकेली महिलाओं की एंट्री बैन,राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया

(फोटो- पीटीआई)

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दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद (Delhi Jama Masjid) के प्रशासन ने मस्जिद में महिलाओं के बिना परिवार के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. जामा मस्जिद प्रशासन ने आदेश जारी कर मस्जिद में अकेले या लड़कियों के समूह के प्रवेश पर रोक लगा दी है. जामा मस्जिद प्रशासन ने मस्जिद के बाहर साइन बोर्ड लगाए हैं, जिन पर हिंदी में लिखा है, मस्जिद में एक लड़की या अकेले लड़कियों का प्रवेश वर्जित है. मस्जिद के तीन प्रवेश द्वारों में से प्रत्येक के बाहर साइन बोर्ड लगाए गए हैं.

हालांकि, मस्जिद में शादीशुदा जोड़ों या परिवार के प्रवेश पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. एक अन्य साइन बोर्ड पर लिखा है, जामा मस्जिद में संगीत के साथ वीडियो बनाना प्रतिबंधित है.

राष्ट्रीय महिला  आयोग ने संज्ञान लिया

राष्ट्रीय महिला आयोग ने जामा मस्जिद में अकेले आने वाली महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के फरमान पर संज्ञान लिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सचिव और दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के सचिव को महिलाओं के धर्म का पालन करने के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने के लिए लिखा है. लेटर में लिखा गया है कि

"भारत का संविधान नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता और संबंधित सांस्कृतिक प्रथाओं के अधिकार की गारंटी देता है, और लिंग आधारित भेदभाव पर रोक लगाता है. जामा मस्जिद का फरमान लैंगिक पक्षपातपूर्ण है और पूजा करने वाली महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है"

दिल्ली महिला आयोग ने भी बताया शर्मनाक

लिंग के नाम पर भेदभाव पर सख्त कदम उठाते हुए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि यह शर्मनाक और संविधान के खिलाफ फैसला है.

डीसीडब्ल्यू ने कहा, ''आज शाही इमाम ने ऐतिहासिक जामा मस्जिद के बाहर एक बोर्ड लगा दिया है कि अब से लड़कियों को मस्जिद के अंदर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. यह शर्मनाक और संविधान के खिलाफ है. वे क्या सोचते हैं कि यह ईरान या इराक है? इबादत करने का जितना हक पुरुष का है, उतना हक स्त्री का भी है.''

इसे तालिबानी व्यवहार करार देते हुए मालीवाल ने कहा कि जामा मस्जिद के शाही इमाम को नोटिस जारी किया गया है.

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डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने कहा, ''जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश को रोकने का फैसला बिल्कुल गलत है. किसी को भी महिलाओं के प्रवेश पर इस तरह से प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं है. किसी भी तरह से प्रतिबंध को हटाया जाएगा.

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