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सोशल मीडिया पर वह खुद को 'गोडसे' बताता है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र पर गोली चलाते इस 17 वर्षीय लड़के की तस्वीर महज एक चेतावनी थी. ये वही है जिसने 30 जनवरी 2020 को जामिया के छात्र पर गोली चलाते हुए चिल्लाकर कहा था ''ये लो आजादी''.
वह तस्वीर, जिसमें देखा जा सकता है कि लड़का गोली चला रहा है और पीछे पुलिस खड़ी देख रही है. जामिया के छात्र पर गोली चलाने वाले को न रोकने पर पुलिस की भी काफी आलोचना हुई थी. बाद में लड़के को जेल भेजा गया, लेकिन कुछ महीनों बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया.
'जामिया शूटर' (चूंकि ये स्पष्ट नहीं है कि लड़का अब बालिग है या नहीं इसलिए क्विंट उसकी पहचान जाहिर नहीं कर रहा है), अब अपनी उसी फोटो को इंस्टाग्राम और फेसबुक पर शेयर करता है. एडिटेड वीडियोज शेयर करता है जिनमें वो बैकग्राउंड म्यूजिक के बीच गोलियों की बौछार करता दिखता है.
हाल में उसे हरियाणा के पटौदी में हई महापंचायत के दौरान 'हिंदुत्व के मुद्दों' पर सांप्रदायिक भाषण देते हुए भी देखा गया. इस दौरान बीजेपी हरियाणा के प्रवक्ता और करणी सेना के नेता सूरज पाल समेत सेंकड़ों की भीड़ उसे सुन रही थी.
जब उसके भाषण देने की बारी आई, तो माइक हाथ में लेते ही एक समुदाय विशेष के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देते हुए नारा लगाया ''जब मुल्ले काटे जाएंगे राम राम चिल्लाएंगे''. जवाब में वहां मौजूद भीड़ भी उसे समर्थन दे रही थी. एक अन्य वीडियो में वह पुलिस से कहता दिख रहा है कि हमें 5 मिनट के लिए कुछ भी करने के लिए खुला छोड़ दो.
ये वीडियो उसने खुद सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं. लेकिन, हरियाणा पुलिस हेट स्पीच के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने में नाकाम रही.
वीडियो वायरल होने के बाद एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने जामिया में गोली चलाने वाले लड़के के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
क्विंट ने जब पटौदी पुलिस से संपर्क किया. तो अधिकारी ने कहा कि अब तक कोई शिकायत आई ही नहीं है. इसके बाद अपना नाम बताए बिना अधिकारी ने फोन काट दिया.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में मानेसर के डीसीपी वरुण सिंगला ने कहा - ''सूरत पाल अमू समेत 3-4 गांवों के मुखियाओं ने महापंचायत का आयोजन किया था. महापंचायत का मुद्दा 'धर्म परिवर्तन' था. 500-600 लोगों ने पंचायत में हिससा लिया और कई लोगों ने भाषण भी दिया. लेकिन अब तक हमारे पास कोई शिकायत नहीं आई है.''
क्विंट ने जब डीसीपी से संपर्क कर पूछा कि क्या उन्होंने साकेत गोखले की शिकायत पर संज्ञान लिया है? तो जवाब में DCP ने कहा - नो कमेंट्स.
साकेत गोखले ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को लिखकर गोली चलाने वाले लड़के की जमानत रद्द करने का आग्रह किया है. इस आधार पर कि उसे अपने किए अपराध का कोई पछतावा नहीं है, उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर होने वाले पोस्ट्स से ये स्पष्ट हो रहा है. गोखले का कहना है कि कहीं से भी उनके पास कोई जवाब नहीं आया है.
दिल्ली पुलिस कमिश्नर और दिल्ली पुलिस PRO से कई बार संपर्क करने पर भी क्विंट को इस मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया आने पर ये स्टोरी अपडेट की जाएगी.
'जामिया शूटर' की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर एक नजर डालने पर ही ये समझना मुश्किल नहीं कि वह नियमित रूप से सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट करता है, जो प्लेटफॉर्म्स की कम्युनिटी गाइडलाइन का उल्लंघन करते हैं. उसके अधिकतर पोस्ट 'गोरक्षा' और 'लव जिहाद' जैसे मुद्दों के इर्द-गिर्द ही रहते हैं.
लेकिन, अब तक किसी भी पोस्ट को लेकर उसपर एक्शन नहीं हुआ.
पटौदी की महापंचायत वाला वीडियो वायरल होने के बाद उसकी इंस्टाग्राम प्रोफाइल हटा दी गई, लेकिन फेसबुक और ट्विटर पर उसका अकाउंट अब भी एक्टिव है. ट्विटर पर गुरुवार को पोस्ट किए गए वीडियो में शूटर ने अपने 'हिंदू भाइयों' से महापंचायत को सफल बनाने की अपील भी की थी.. इसके लिए उसने ट्विटर पर हेशटेग "#wesupport*************" ट्रेंड कराने का आव्हान भी किया.
महापंचायत से ठीक एक दिन पहले 3 जुलाई को शूटर ने ये घोषणा की कि वो लोगों को 'लव जिहाद' के प्रति जागरुक करने के लिए एक सभा को संबोधित करेगा. खुद को हिंदू हितों का पैरोकार बताने वाले आरबी गुर्जर नाम के शख्स के साथ शूटर ने ये फेसबुक लाइव किया था.
वीडियो में वह कहता है ' क्या हिंदू पुरुष इतने कमजोर हो गए हैं कि अपने बहन-बेटियों को मुस्लिम से नहीं बचा सकते. वह आगे 'हिंदू पुरुषों' से तबाही मचाने को कहता है.
जामिया की घटना से पहले जनवरी 2020 में उसने अपने इरादे सोशल मीडिया पर जाहिर कर दिए थे. जामिया के छात्र पर गोली चलाने से ठीक 30 मिनट पहले उसने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा था - '' आजादी दे रहा हूं''
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