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‘मेरा क्या कसूर था, एक आंख की रोशनी चली गई’- जामिया छात्र

पुलिस की पिटाई से जामिया के एलएलएम के छात्र मिन्हाजुद्दीन की आंख की रोशनी चली गई.

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भारत
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मिन्हाजुद्दीन, जामिया छात्र
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मिन्हाजुद्दीन, जामिया छात्र
(फोटोः क्विंट)

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नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ रविवार 15 दिसंबर को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी में जबरदस्त हंगामा हुआ था. आरोप लगे कि पुलिसकर्मियों ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों की पिटाई की. अब जामिया के ही एक छात्र का आरोप है कि इसी हंगामे और पुलिस की पिटाई के दौरान उसकी एक आंख की रोशनी चली गई है. जामिया के एलएलएम के छात्र मिन्हाजुद्दीन गंभीर रूप से जख्मी हैं. डॉक्टर का कहना है कि उनकी एक आंख की रोशनी चली गई है.

20 से 30 पुलिसकर्मी हेलमेट और लाठी लेकर यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी में पहुंची और एकाएक लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस ने छात्रों को बेरहमी से पीटा. इस दौरान उसकी भी पिटाई हुई जिससे उनकी आंखों को बुरी तरह चोट लगी.
मिन्हाजुद्दीन, छात्र जामिया

मैं लाइब्रेरी में पढ़ रहा था

मिन्हाजुद्दीन ने बताया कि रविवार शाम को वो जब लाइब्रेरी पढ़ाई कर रहे थे, तब यूनिवर्सिटी के बाहर हंगामा हो रहा था. आरोप है कि इसके बाद पुलिस ने लाइब्रेरी के अंदर घुसकर लाठीचार्ज शुरू कर दिया. इस दौरान उसकी आंखों पर भी हमला किया गया. मिन्हाजुद्दीन ने बताया, पुलिस काफी संख्या में वहां पहुंचे थे.

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डॉक्टर ने कहा-चली गई आंखों की रोशनी

जामिया यूनिवर्सिटी में हुई घटना के बाद घायल मिन्हाजुद्दीन किसी भी तरह एम्स अस्पताल इलाज के लिए पहुंचा. डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया. मिन्हाजुद्दीन का कहना है कि जांच के बाद डॉक्टरों ने मिन्हाजुद्दीन बताया कि उसकी बांईं आंख में गंभीर चोट आई है और उसकी आंखों की रोशनी चली गई है.

क्या था मेरा कसूर?

मिन्हाजुद्दीन ने बताया कि जब वो लाइब्रेरी में घायल पड़ा था तो उसे उठाने वाला भी कोई नहीं था. उसे अस्पताल भी पहुंचाने वाला भी कोई नहीं था. उसे कोई यूनिवर्सिटी से मिलने तक नहीं पहुंचा है. किसी तरह वह खुद ही एम्स इलाज के लिए पहुंचा. मिन्हाजुद्दीन अब न्याय चाहते हैं उन्होंने सवाल खड़ा किया कि उनका क्या कसूर था जो उन्हें यह सजा मिली है. आंखों की रोशनी की वजह से उनकी पूरी जिंदगी अंधेरी हो गई है.

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