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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) उर्दू अकादमी ने हाल ही में वर्ष 2019-21 के पुरस्कारों की घोषणा की। इनमें जम्मू-कश्मीर के आठ लेखक शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर से सम्मान के लिए चुने गए लोगों में डॉ. मुश्ताक अहमद वानी, डॉ. मोहिउद्दीन जोर कश्मीरी, डॉ. गुलशन अब्दुल्ला, दीपक कंवल, डॉ. फैयाज दिन तैय्यब, अशरफ आदिल, खालिद बशीर तलगामी और गुलाम नबी कुमार शामिल हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी हर साल उर्दू साहित्य, कविता, पत्रकारिता, आलोचना और कथा साहित्य में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले लोगों को पुरस्कार देती है।
इससे जम्मू-कश्मीर के साहित्यिक मंडली में खुशी की लहर है। युवा लेखक और विद्वान सोहेल सलेम के अनुसार, यू.पी. उर्दू अकादमी बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य बात है कि जम्मू-कश्मीर में रचे गए साहित्य को अन्य राज्यों में भी पहचान मिल रही है।
सोहेल ने कहा, इससे ज्यादा खुशी की बात क्या है कि कश्मीरी लेखकों को पढ़ा और सराहा जाता है। उत्तर प्रदेश अकादमी बधाई की पात्र है।
दीपक कंवल ने इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यू.पी. उर्दू अकादमी और इसे साहित्य के प्रचार के लिए एक मील का पत्थर बताया।
इस सम्मान के लिए चुने गए मशहूर शायर अशरफ आदिल ने उर्दू साहित्य के प्रति उप्र अकादमी उर्दू की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि इससे गुणवत्तापूर्ण साहित्य के प्रचार-प्रसार में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने सम्मान के लिए उन्हें चुनने के लिए अकादमी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा, यूपी उर्दू अकादमी उर्दू भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए उत्कृष्ट सेवा कर रही है। सम्मान के लिए कश्मीरी लेखकों का चयन इस बात का प्रमाण है कि जम्मू-कश्मीर के लेखक गुणवत्तापूर्ण साहित्य का सृजन कर रहे हैं।
अकादमी द्वारा उर्दू साहित्य, शायरी, उर्दू आलोचना, उर्दू कथा, उर्दू बाल साहित्य और उर्दू पत्रकारिता में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाली हस्तियों को पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
आने वाले दिनों में अकादमी द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती कार्यक्रम एवं उर्दू पत्रकारिता के दो वर्ष पूर्ण होने पर पत्रकारिता के संबंध में आयोजित कार्यक्रम में ये पुरस्कार दिए जाएंगे।
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