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14 सितंबर, गुरुवार की सुबह, एक महिला अपने परिवार से मिलने के लिए हरियाणा के पानीपत के सेक्टर 7 में कार से बाहर निकली. वो कार से निकलते ही बार-बार रोते हुए "मेरा भाई...मेरा भाई..." कहते हुए तीन मंजिला घर के गेट के पास गिर पड़ी.
रिश्तेदार दौड़ कर आए और उन्हें घर के अंदर ले गए. मेजर आशीष धोनैक (34) की मौत पर पूरे इलाके में शोक का माहौल था.
19 राष्ट्रीय राइफल्स (19 RR) के मेजर धोनैक मंगलवार को कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए. उनके साथ 19 आरआर के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह (41 वर्ष) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट भी शहीद हो गए.
मेजर धोनैक के परिवार में उनकी दो साल की बेटी, पत्नी और तीन प्यारी बहनें हैं, जिन्हें वे छोड़कर चले गए.
मीडिया से बात करते हुए उनके चाचा दिलवर सिंह ने कहा कि वह पिछले महीने ही परिवार से मिलने आए थे. सिंह ने कहा, "हमें सेना से फोन आया. हमें पता था कि कोई ऑपरेशन चल रहा है. लेकिन हमें (उनके निधन की) खबर मेरे बेटे से मिली जो सेना में ही है."
द क्विंट से बात करते हुए, मेजर धोनैक के नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के बैचमेट, मेजर साहिल अग्रवाल ने उनकी शहादत को "देश के लिए क्षति" बताया.
मेजर अग्रवाल ने कहा, "हमने 2013-14 में एक साथ छह महीने का कोर्स किया था. वह छोटा था लेकिन बहुत अच्छा भागत (रनर) था. बहुत विनम्र और समय का पाबंद था. वह अपने समुदाय से गहराई से जुड़ा हुआ था."
उन्होंने कहा, "जिस व्यक्ति के साथ उसने काम किया, जमीन पर उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है, हमने एक साथ फायरिंग की प्रैक्टिस की है, एक साथ दौड़े हैं, एक साथ कई काम किए हैं, एक-दूसरे को आगे बढ़ते देखा है - यह जो हुआ दुखद है."
कोकेरनाग में आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए मंगलवार को शुरू हुआ अभियान गुरुवार को फिर से शुरू हुआ. रिपोर्टों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने इस दौरान दो आतंकवादियों को घेरा, जिनमें से एक की पहचान स्थानीय लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी उजैर खान के रूप में की गई है.
पानीपत में धोनैक परिवार के एक अन्य पड़ोसी रामचंद्र ने कहा कि उन्हें मेजर के बलिदान पर गर्व है. उन्होंने कहा, "वह एक बुद्धिमान व्यक्ति थे. पूरा गांव उनके पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहा है. हम सरकार से यहां उनके लिए एक स्मारक बनाने का आग्रह करेंगे. हमें देश के लिए उनके बलिदान पर गर्व है."
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