Home News India कश्मीर पर राजनीति कर रहे हैं राहुल, स्थिति बिगड़ सकती है: राज्यपाल
कश्मीर पर राजनीति कर रहे हैं राहुल, स्थिति बिगड़ सकती है: राज्यपाल
जम्मू-कश्मीर राजभवन ने कहा है कि राहुल ने फेक न्यूज पर प्रतिक्रिया दी है
क्विंट हिंदी
भारत
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राज्यपाल हमें जहाज न दें, कश्मीरियों से मिलने की आजादी दें: राहुल
(फोटो ग्राफिक्स: क्विंट हिंदी)
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जम्मू-कश्मीर राजभवन ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी कश्मीर मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं. राजभवन के बयान में कहा गया है कि राहुल ने कश्मीर दौरे के लिए जो मांगें रखी हैं, उससे वहां की स्थिति बिगड़ सकती है. राजभवन का यह बयान राहुल के एक ट्वीट के जवाब में आया है.
राजभवन ने जारी किया ये बयान-
‘’कश्मीर की स्थिति पर राहुल गांधी फेक न्यूज पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जो शायद सीमापार से आई थी. कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा कश्मीर की स्थिति शांतिपूर्ण है. वह खुद कई भारतीय चैनलों से इस बात का पता लगा सकते हैं, जिन्होंने कश्मीर घाटी पर सही रिपोर्टिंग की है. वह आज सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दी गई विस्तृत जानकारी को भी जांच सकते हैं. राहुल गांधी विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को ले जाने की मांग से इस मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं. इससे स्थिति बिगड़ सकती है और आम लोगों के लिए समस्याएं पैदा हो सकती हैं. उन्होंने जम्मू-कश्मीर का दौरा करने के लिए कई शर्तें रखी हैं.’’
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में राहुल गांधी ने कश्मीर की स्थिति को लेकर बयान दिया था. इसके बाद डीडी न्यूज के एक इंटरव्यू में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक से पूछा गया- ''राहुल गांधी ने एक बयान दिया कि कश्मीर में हालत बहुत खराब है, क्या आपको लगता है कि नेताओं को थोड़ा संवेदनशील होकर बोलना चाहिए?'' इस सवाल के जवाब में सत्यपाल मलिक ने कहा,
उन्होंने (राहुल ने) इतना बड़ा झूठ बोला है. मैं उनको चैलेंज करता हूं, मैं उनको भेजता हूं अपना जहाज. आप आकर देखो. अगर वो बता देंगे कि ये गोली लगे हुए घायल पड़े हुए हैं और यहां स्थिति खराब है तो हम मान लेंगे. एक गोली नहीं चली है, एक लाठी भी नहीं चली है.
राज्यपाल मलिक की इस चुनौती पर राहुल ने ट्वीट कर उन्हें जवाब दिया. राहुल ने लिखा, ''डियर गर्वनर विपक्षी नेता और मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आने का आपका निमंत्रण स्वीकार करते हैं. हमें एयरक्राफ्ट की जरूरत नहीं है. मगर कृपया घूमने और लोगों, मुख्यधारा के नेताओं और हमारे जवानों से मिलने की आजादी सुनिश्चित कीजिए.''