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जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे बुधवार को दो दिन के भारत दौरे पर आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके शिंजो आबे ने बुधवार को अहमदाबाद के पुराने शहर स्थित 16वीं सदी की मस्जिद, सिदी सैय्यद की जाली का दौरा किया. इस दौरान आबे की पत्नी अकी आबे भी उनके साथ थीं.
बता दें कि गुजरात सल्तनत के अंतिम सुल्तान शम्स-उद-दीन मुजफ्फर शाह तृतीय की सेना के एक जनरल, अहमद शाह बिलाल झजर खान के अनुयायियों ने 1573 में इस मस्जिद का निर्माण कराया था. मस्जिद का दौरा करने के बाद आबे दंपति सड़क पार एक धरोहर स्थल गए जहां मोदी रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे
इससे पहले 8 किलोमीटर लंबा रोड शो खत्म होने के बाद पीएम मोदी के साथ शिंजो आबे और उनकी पत्नी साबरमती आश्रम पहुंचे. आश्रम में शिंजो आबे और उनकी पत्नी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. मोदी ने गांधी जी के तीन बंदर वाली एक संगमरमर की मूर्ति भी दी.
प्रधानमंत्री मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे ने एयरपोर्ट से निकलने के बाद रोड शो किया था. 8 किलोमीटर लंबे रोड शो में दोनों खुली गाड़ी में सवार दिखे. सड़क के दोनों तरफ स्वागत के लिए लोगों की भीड़ लगी रही.
पीएम मोदी, शिंंजो आबे और उनकी पत्नी एक ही गाड़ी में सवार होकर रोड शो पर
पीएम नरेंद्र मोदी प्रोटोकॉल तोड़ते हुए एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का उन्होंने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर गले लगाकर स्वागत किया.
इस दौरे की पहली खास बात ये है कि शिंजो आबे राजधानी दिल्ली में नहीं बल्कि गुजरात के अहमदाबाद में उतरे हैं. वहीं दूसरी खास बात ये है कि शिंजो आबे की भारत दौरे की शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अहमदाबाद में रोड शो से होगी.
पीएम मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे गुरुवार को साबरमती रेलवे स्टेशन के पास एथलेटिक्स स्टेडियम में देश की पहली बुलेट ट्रेन की नींव रखेंगे. 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) के इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी. ये बुलेट ट्रेन जापान की मदद से ही बनाई जाएगी. साथ ही भारत और जापान के बीच कई समझौते भी होंगे.
शिंजो अाबे 12वें भारत-जापान एनुअल समिट में हिस्सा लेने भारत आए हैं. मोदी और आबे के बीच ये चौथा भारत-जापान एनुअल समिट गुरुवार को होगा.
शिंजो आबे के लिए अहमदाबाद सजा
शिंजो आबे और पीएम मोदी के रोड शो के लिए एयरपोर्ट से साबरमती आश्रम तक 28 जगह छोटे- छोटे स्टेज बनाए गए हैं. जहां 28 अलग-अलग राज्यों के कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.
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