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हरियाणा के 21 जिलों से शुक्रवार शाम को चंडीगढ़ पहुंचे 100 जाट प्रतिनिधियों ने प्रदेश के मुख्य सचिव दिपेंदर सिंह धेसी और पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल से मुलाकात की. जाट प्रतिनिधियों की मानें, तो यह मुलाकात काफी सफल रही और हरियाणा सरकार ने जाटों की कई मांगें मान लीं.
मीटिंग के बाद हरियाणा के मुख्य सचिव ने बताया कि जाट प्रतिनिधियों से जाट आरक्षण के प्रारूप, मृतकों के मुआवजे और आंदोलनकारियों पर लगे फर्जी मामलों समेत 7 मुद्दों पर बातचीत हुई. साथ ही मुख्य सचिव ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के वादे को दोहराते हुए आंदोलन के दौरान मारे गए सभी निर्दोष लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात दोहराई.
हरियाणा सरकार को पहले भी 72 घंटे का अल्टीमेटम दे चुके जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने शुक्रवार को हुई मीटिंग के बाद कहा कि जाटों ने आरक्षण देने संबंधी विधेयक लाने के लिए हरियाणा सरकार को दी समय-सीमा बढ़ाकर 31 मार्च कर दी है. 3 अप्रैल को जाटों की फिर एक मीटिंग होगी, जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.
हरियाणा की सबसे बड़ी खापों में से एक दहिया खाप के अध्यक्ष सुरेंद्र दहिया ने कहा कि जाट समुदाय के प्रतिनिधियों ने सरकार से मुरथल केस की भी पूरी जांच कराने का अनुरोध किया है. साथ ही कहा है कि सरकार बताए कि जाट आंदोलन का ऐसे किसी मामले से कोई लेना देना नहीं था.
जाट प्रतिनिधियों और हरियाणा सरकार की सफल बैठक होते ही केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र सिंह के सुर भी जाट समुदाय की मांग के समर्थन में जाते दिखे. वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार इस संबंध में एक विधेयक लाने को प्रतिबद्ध है. मनोहर लाल खट्टर सरकार इस मुद्दे का सकारात्मक हल निकालना चाहती है.
इसी बीच हरियाणा में जाटों के आंदोलन के दोबारा शुरू होने की आशंका को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से बात की कर ली है. किसी बात की चिंता करने की जरुरत नहीं. इस मामले का कोई समाधान जरूर निकल जायेगा.
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