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हरियाणा: जाट आरक्षण बिल विधानसभा में आम सहमति से पास

अब राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद नया कानून लागू हो जाएगा.

प्रशांत चाहल
भारत
Updated:
फरवरी में काफी लंबा चला था जाट आंदोलन, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी. (फाइल  फोटो: पीटीआई)
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फरवरी में काफी लंबा चला था जाट आंदोलन, जिसमें 30 लोगों की जान चली गई थी. (फाइल फोटो: पीटीआई)
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हरियाणा विधानसभा में जाट आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पास हो गया है. मंगलवार को इसे एक एक्ट की शक्ल दे दी गई, जिसके अनुसार जाटों समेत 6 जातियों को बीसी (C) कैटेगरी में आरक्षण मिलेगा.

बिल में जाटों के अलावा सिख जट्ट, मुस्लिम जाट, त्यागी, बिश्नोई और रोड़ जातियों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. मंगलवार को सुबह लगभग 11 बजे प्रश्नकाल की कार्यवाही के बाद विधानसभा में जाट आरक्षण विधेयक पेश किया गया था. अब राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद नया कानून लागू हो जाएगा. हरियाणा सरकार ने इसकी नोटिफिकेशन भी जल्द जारी करने का ऐलान किया है.

इस मुद्दे पर सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा था कि अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, बल्कि संविधान के दायरे में रहते हुए जाटों और अन्य जातियों के लिए आरक्षण का जो भी प्रावधान संभव होगा, वो किया जाएगा. इसके बाद रविवार को जाट नेताओं ने आरक्षण के लिए अपना आंदोलन फिर से शुरू करने की धमकी दी थी.

लेकिन मंगलवार को आरक्षण बिल पास होने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने ‘हरियाणा एक, हरियाणवी एक’ का नारा दिया और दावा किया कि आरक्षण बिल में किसी जाति को कोई घाटा नहीं हुआ. सबका खयाल रखा गया.

बिल पास होने के बाद BJP नेता राजकुमार सैनी ने इस आरक्षण को दबाव में दिया गया आरक्षण बताया और कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है.
हमने जो वादा किया था, वह पूरा कर दिया है. बिल सर्वसम्मति से पास हुआ. लेकिन कांग्रेस इस बिल को पास करवाने के लिए साथ नहीं आई. यह अफसोसजनक है.
मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री
जाटों के लिए यह एक बड़ा फैसला है. जाट इस फैसले से खुश हैं. अब जाट हरियाणा सरकार से केंद्र में भी जाट आरक्षण के लिए पैरवी करवाएंगे. सरकार के फैसले से तमाम खाप पंचायतें संतुष्ट हैं. अप्रैल के पहले हफ्ते में जाटों की एक बड़ी मीटिंग होगी, जिसमें केंद्र में जाट आरक्षण लेने की रणनीति तय की जाएगी.
रणबीर चौधरी, जाट नेता
जाट आरक्षण बिल का एक हिस्सा

जाट आरक्षण विधेयक के मुख्य बिंदु

  • विधेयक लागू होने के बाद जाटों को शैक्षणिक संस्थानों, तृतीय-चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 10% और प्रथम-द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में 6% आरक्षण मिलेगा.
  • प्रथम और द्वितीय श्रेणी में बीसी-A का कोटा 10 से बढ़ाकर 11, बीसी-B का कोटा 5 से बढ़ाकर 6 और ईबीसी का कोटा 5 से बढ़ाकर 7% किया जाएगा.
  • ऐसे में कुल 10% आरक्षण और बढ़ जाएगा.
  • इससे प्रथम और द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में कुल 50 और शैक्षणिक संस्थानों, तृतीय चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 67% आरक्षण हो जाएगा.

कांग्रेस राज में भी ऐसा ही आरक्षण मिला था

जानकारों की मानें, तो जाट आरक्षण विधेयक को हरियाणा सरकार ने के.सी. गुप्ता आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाकर तैयार किया था. सरकार का मानना था कि गुप्ता कमीशन ने यह रिपोर्ट जिन आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर दी, वे सही हैं.

गुप्ता कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस राज में जाटों को आरक्षण मिला था.

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Published: 29 Mar 2016,01:02 PM IST

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