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हरियाणा विधानसभा में जाट आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पास हो गया है. मंगलवार को इसे एक एक्ट की शक्ल दे दी गई, जिसके अनुसार जाटों समेत 6 जातियों को बीसी (C) कैटेगरी में आरक्षण मिलेगा.
बिल में जाटों के अलावा सिख जट्ट, मुस्लिम जाट, त्यागी, बिश्नोई और रोड़ जातियों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. मंगलवार को सुबह लगभग 11 बजे प्रश्नकाल की कार्यवाही के बाद विधानसभा में जाट आरक्षण विधेयक पेश किया गया था. अब राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद नया कानून लागू हो जाएगा. हरियाणा सरकार ने इसकी नोटिफिकेशन भी जल्द जारी करने का ऐलान किया है.
इस मुद्दे पर सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा था कि अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, बल्कि संविधान के दायरे में रहते हुए जाटों और अन्य जातियों के लिए आरक्षण का जो भी प्रावधान संभव होगा, वो किया जाएगा. इसके बाद रविवार को जाट नेताओं ने आरक्षण के लिए अपना आंदोलन फिर से शुरू करने की धमकी दी थी.
लेकिन मंगलवार को आरक्षण बिल पास होने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने ‘हरियाणा एक, हरियाणवी एक’ का नारा दिया और दावा किया कि आरक्षण बिल में किसी जाति को कोई घाटा नहीं हुआ. सबका खयाल रखा गया.
जानकारों की मानें, तो जाट आरक्षण विधेयक को हरियाणा सरकार ने के.सी. गुप्ता आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाकर तैयार किया था. सरकार का मानना था कि गुप्ता कमीशन ने यह रिपोर्ट जिन आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर दी, वे सही हैं.
गुप्ता कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस राज में जाटों को आरक्षण मिला था.
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