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हरियाणा सरकार ने गुरुवार को जाट नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत का न्योता भेजा. शुक्रवार शाम को चंडीगढ़ में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले यशपाल मलिक समेत कुछ अन्य जाट नेता हरियाणा के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे.
यह मीटिंग पूरी होने तक हरियाणा में जाट आंदोलन फिर से शुरू नहीं किया जाएगा.
वहीं जाटों के आरक्षण आंदोलन के फिर से स्पीड पकड़ने की आशंकाओं के बीच हरियाणा सरकार ने गुरुवार को कहा कि समुदाय को आरक्षण देने के प्रावधान वाला विधेयक चालू बजट सत्र में पारित किया जाएगा, जो 31 मार्च तक चलेगा. हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा,
शुक्रवार को सरकार और जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं के बीच होने जा रही मीटिंग की जानकारी देते हुए जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि 21 जिलों से जाटों के 100 नेता सरकार के निमंत्रण के अनुसार हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात करेंगे. इस मीटिंग के बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला किया जाएगा.
अनेक जाट संगठनों ने सोमवार को सरकार को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी थी कि अगर मनोहर लाल खट्टर सरकार ने 72 घंटे में उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं की, तो एक बार फिर से आरक्षण आंदोलन शुरू किया जाएगा. इस पर सरकार की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर कहा था कि जाट आरक्षण विधेयक जरूर लाया जाएगा, लेकिन जाट धमकी देना बंद करें.
बहरहाल, जाट अल्टीमेटम की खबरों के बाद हरियाणा प्रशासन ने रोहतक, झज्जर, जींद और सोनीपत सहित कई शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इन जिलों में जिला क्लेक्टर को रासुका के तहत गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया गया है. इन सभी शहरों में गुरुवार को विभिन्न जगहों पर फ्लैग मार्च किया गया.
जाट आंदोलन की चेतावनी के बाद गुड़गांव में धारा-144 लगा दी गई. यह निषेधाज्ञा 15 मई तक जारी रहेगी. वहीं हरियाणा के संवेदनशील जिलों में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की 100 टुकड़ियों को सतर्क कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने भी शांति बहाली के लिए अर्द्धसैनिक बलों के 3000 जवानों को हरियाणा में तैनात किया है.
पिछले महीने जाट आंदोलन ने राज्य को हिलाकर रख दिया था. पुलिस प्रशासन सहित राज्य मशीनरी के पूरी तरह फेल होने के कारण 11 दिन चले जाट आंदोलन ने अंत में हिंसक रूप ले लिया था, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी और 200 लोग घायल हुए थे.
इस हिंसक आंदोलन में कथित तौर पर 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति नष्ट हो गई थी, जिसके दबाव में आकर बीजेपी सरकार ने घोषणा की थी कि जाट समुदाय के साथ 4 अन्य जातियों (जाट सिख, त्यागी, बिश्नोई तथा रोर) को आरक्षण देने के लिए आगामी बजट सत्र में विधेयक लाया जाएगा.
फिलहाल जाट नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों को रद्द किए जाने, आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा देने और कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
सूत्रों की मानें, तो इस मामले की नजाकत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री एम एल खट्टर और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से बात की है.
इस बीच, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी सहयोगी वीरेंद्र सिंह को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया. जाट आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में सिंह के खिलाफ देशद्रोह और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया था.
रोहतक के पुलिस अधीक्षक शशांक आनंद ने कहा कि उन्होंने वीरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है. वीरेंद्र को अदालत में पेश किया जाएगा और कोर्ट से उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत मांगी जाएगी.
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