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कौन हैं जया वर्मा? रेलवे बोर्ड की बनीं पहली महिला CEO, जानिए अब तक का कैसा रहा सफर?

Railway Board CEO: जया वर्मा सिन्हा 1 सितंबर, 2023 को पदभार ग्रहण करेंगी. उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 तक होगा.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>रेलवे बोर्ड की पहली महिला CEO बनीं जया वर्मा सिन्हा, अनिल कुमार लाहोटी की लेंगी जगह</p></div>
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रेलवे बोर्ड की पहली महिला CEO बनीं जया वर्मा सिन्हा, अनिल कुमार लाहोटी की लेंगी जगह

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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केंद्र सरकार ने गुरूवार (31 अगस्त) को जया वर्मा सिन्हा (Jaya Varma Sinha) को रेलवे बोर्ड (Railway Board) का सीईओ और अध्यक्ष नियुक्त किया. इसी के साथ वह रेल मंत्रालय के 105 साल पुराने इतिहास में यह पद संभालने वाली पहली महिला बन गईं हैं. जया वर्मा, अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेंगी.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से की पढ़ाई

जानकारी के अनुसार, जया वर्मा की उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी हुई. इसके बाद वो 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRCTC) में अधिकारी पद पर कार्यरत हुईं. जया वर्मा सिन्हा भारतीय रेलवे में 35 साल कार्यरत हैं. उन्होंने दक्षिण पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे, पूर्व रेलवे में अहम पदों को संभाला है.

कितने साल का होगा कार्यकाल?

कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. इस तरह सरकार ने पहली बार रेलवे की कमान एक महिला के हाथों में सौंपने का ऐतिहासिक कदम उठाया है.

जया वर्मा 1 सितंबर, 2023 को पदभार ग्रहण करेंगी. उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 तक होगा.

वर्तमान में वो रेलवे बोर्ड में सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में तैनात हैं. इससे पहले वो रेलवे बोर्ड में यातायात परिवहन के अतिरिक्त सदस्य के रूप में कार्य कर रही थीं.

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जया के कार्यकाल में हुआ था मैत्री एक्सप्रेस का उद़्घाटन

बता दें कि ओडिशा के बालासोर रेल हादसे के समय जया वर्मा सिन्हा की देशभर सराहना हुई थी. जया ने ही पूरे हादसे की जानकारी PMO के सामने रखी थी. उन्होंने पीएमओ में इस घटना को लेकर पावरप्वॉइंट प्रजेंटेशन दिया था.

इतना ही नहीं, जया बांग्लादेश के ढाका में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार रह चुकी हैं. उन्होंने भारतीय रेलवे की सतर्कता, सूचना प्रौद्योगिकी और संचालन जैसे क्षेत्रों में काम किया है. उन्होंने बांग्लादेश में रेलवे आधुनिकीकरण और विस्तार में काफी योगदान दिया है. जया के ही कार्यकाल में कोलकाता से ढाका मैत्री एक्सप्रेस का उद़्घाटन हुआ था.

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