Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास,पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट 

तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास,पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट 

तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास कराने में सरकार को अब ज्यादा अड़चन नहीं आएगी

क्‍व‍िंट हिंदी
भारत
Updated:
तीन तलाक बिल को  राज्यसभा में पास कराना सरकार के लिए आसान हो सकता है
i
तीन तलाक बिल को  राज्यसभा में पास कराना सरकार के लिए आसान हो सकता है
( फोटो : द क्विंट) 

advertisement

राज्य सभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है. बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट  पड़े. इससे पहले विपक्ष के विरोध को देखते हुए इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजने के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई थी लेकिन यह गिर गया था. इस तरह अब बिल पर वोटिंग तय है. इससे पहले राज्यसभा में इस पर बहस के दौरान जेडी (यू) के सांसदों के वॉकआउट और बीजू जनता दल के समर्थन ने बिल को पास कराने में सरकार का राह आसान कर दी है.

बिल पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इसे राजनीतिक चश्मे या वोट बैंक के नजरिये से नहीं देखना चाहिए. यह मानवता का सवाल है, जबकि कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार मुस्लिम परिवारों को तोड़ देना चाहती है. राज्यसभा में बीजू जनता दल के नेता प्रसन्न आचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी तीन तलाक बिल पर सरकार का समर्थन करेगी. इस बीच, जेडी (यू) के सात सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर सरकार के लिए रास्ता और आसान कर दिया.

राज्यसभा में फिलहाल 241 सांसद हैं. बहुमत के लिए 121 सांसदों का समर्थन चाहिए. राज्यसभा में एनडीए के 133 सदस्य हैं. लेकिन जनता दल (यूनाइटेड ) के सांसदों के वॉकआउट से बहुमत के लिए जरूरी सांसदों की संख्या और कम हो जाएगी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

पहले बीजेडी और फिर जेडी(यू) के कदम से सरकार को राहत

बीजेडी ने पहले बिल के समर्थन का फैसला नहीं किया था. लेकिन मंगलवार को उसने सरकार के समर्थन का फैसला किया. जेडीयू के वॉकआउट करने से बीजेपी की राह ज्यादा आसान हो गई. बीजेपी को उम्मीद है कि उसे आरटीआई संशोधन बिल में समर्थन करने वाले कुछ अन्य दलों का भी समर्थन मिल सकता है. वैसे वाईएसआर कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह बिल के खिलाफ वोटिंग करेगी.

बीजेपी इस बिल को जल्द से जल्द कानून का रूप देना चाहती है. लेकिन कई विपक्षी दल इसका तीखा विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह मुस्लिम समाज में हस्तक्षेप है. जबकि सरकार का कहना है कि यह लैंगिक न्याय और समानता का मामला है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 30 Jul 2019,05:13 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT