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JDU अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने महिला आरक्षण (Women Reservation Bill) के लिए लाए गए नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 का समर्थन करते हुए कहा कि इसमें पिछड़ों और अति पिछड़ों को आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि "केंद्र की मोदी सरकार को 'महिला सशक्तिकरण से कोई मतलब नहीं है. उन्हें 'कुर्सी से मतलब है. कुर्सी बचाने के लिए ये कोई भी जुमलेबाजी कर सकते हैं. आप महिलाओं को छलने का काम करेंगे. महिलाएं जान गई हैं कि आप भारी जुमलेबाज हैं."
ललन सिंह ने कहा कि आप गंभीर होते तो "2021 में जाति आधारित जनगणना कराते. आपने जनगणना शुरू कराया होता तो अभी तक हो गया होता."
उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि "हमारी पार्टी नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 का समर्थन करती है और इसलिए क्योंकि हमारा विश्वास है महिला सशक्तिकरण में, लेकिन सरकार ने जो बिल लाया है उनकी मंशा महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में आरक्षण देना नहीं है, बल्कि जो 26 पार्टियों का INDIA गठबंधन बना है उसका पैनिक रिएक्शन है. ये सबसे बड़ा जुमला है. 2024 का चुनाव जुमला है."
जदयू अध्यक्ष ने आगे कहा "ये इस बार महिलाओं को छलने का काम कर रहे हैं. 2014 में इन्होंने देश के बेरोजगारों को छला, 2 करोड़ रोजगार का वादा करके. 2014 में इन्होंने देश के गरीबों को छला. काला धन लाएंगे, सबके खाते में 15 लाख रुपए पहुंचाएंगे. और इसबार इस देश की महिलाओं को छलना चाहते हैं."
उन्होंने आगे कहा "अगर इनकी मंशा महिलाओं के सशक्तिकरण की होती तो, 2021 में इन्होंने जाति आधारित जनगणना प्रारंभ करा दी होती. क्योंकि, इस देश की मांग है कि आप जाति आधारित जनगणना कराएं."
ललन सिंह ने आरोप लगाया कि जो आपकी सरकार पीछे से चलाते हैं, उन्होंने क्या कहा था. मोहन भागवत ने कहा था कि आरक्षण पर पुर्नविचार होना चाहिए. आरक्षण कोई आपके कृपा से है. आरक्षण संविधान के प्रावधानों के अनुसार है.
जदयू अध्यक्ष ने मांग की कि सरकार ने जो बिल लाया है, इसमें भी OBC, SC-ST महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए. ये नारी शक्ति वंदन की बात करते हैं, ये नारी की नहीं बल्की अपना वंदन कर रहे हैं और अपनी कुर्सी का वंदन कर रहे हैं, अपनी सत्ता का वंदन कर रहे हैं.
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