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मुश्किल दौर से गुजर रही जेट एयरवेज ने कल से अपनी दिल्ली-बेंगलुरू सर्विस को बंद करने का फैसला लिया है. इसके अलावा जेट एयरवेज ने अपनी कुछ और फ्लाइट्स को फिलहाल रोकने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि अहमदाबाद-मुंबई, अहमदाबाद-दिल्ली, मुंबई-बहराइन, बेंगलुरू वडोदरा, वडोदरा-मुंबई, वडोदरा-दिल्ली और भोपाल से मुंबई वाली फ्लाइट्स को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है.
इससे पहले जेट एयरवेज के पायलटों ने कहा है था कि अगर उन्हें वेतन नहीं मिला तो 1 अप्रैल से वो उड़ान नहीं भरेंगे. जेट एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईडब्ल्यूए) ने डीजीसीए को एक लेटर लिखकर कहा, ‘’हमारे लिए अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है. इसकी वजह से विमान इंजीनियरों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा है. यह उनके काम को भी प्रभावित करता है. ऐसे में देश और विदेश में उड़ान भरने वाले जेट एयरवेज के विमानों की सुरक्षा जोखिम में है.’’
लेटर में लिखा गया है, ''जहां वरिष्ठ प्रबंधन कारोबार में समाधान के तौर-तरीके खोज रहे हैं. हम इंजीनियर पिछले 7 महीने से समय से सैलरी ना मिलने से बहुत दबाव में हैं. 3 महीने से तो हमें सैलरी मिली ही नहीं है.
साल 2000 में नंबर वन रही जेट एयरवेज का दबदबा इंडिगो, स्पाइसजेट, गो एयर जैसी एयरलाइंस के आने से कम होता गया. जेट ने जब मुकाबला करने के लिए किराए कम करने शुरू किए तो उसे नुकसान होने लगा. लेकिन जेट फ्यूल महंगा होना शुरू हुआ तो किराए बढ़ने लगे और लोगों ने महंगे के बजाएय बजट एयरलाइंस को ही पसंद किया.
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