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झारखंड (Jharkhand) के कोलेबिरा से कांग्रेस विधायक नमन बिक्सल कोंगारीसे ने बड़ा आरोप लगाया है. नमन बिक्सल ने दावा किया है कि कुछ अज्ञात लोगों ने उनसे कई बार संपर्क किया और झारखंड की हेमंत सोरेन (Hemant Soren) सरकार को गिराने के लिए 1 करोड़ रुपये और मंत्री पद की पेशकश की. दरअसल, ये आरोप ऐसे समय में लगा है जब झारखंड पुलिस ने हेमंत सरकार गिराने की कथित साजिश के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
इन गिरफ्तारियों के बाद से ही झारखंड की सियासत में फिलहाल हलचल मची हुई है और अब विधायक को खरीदने का आरोप. इंडियन एक्स्प्रेस से बात करते हुए विधायक नमन बिक्सल कोंगारीसे ने कहा,
हालांकि अभी इस मामले पर हेमंत सोरेन की तरफ से किसी तरह का बयान नहीं आया है.
दरअसल, अभी हाल ही में झारखंड में हेमंत सोरेन की जेएमएम, कांग्रेस औऱ आरजेडी की गठबंधन सरकार को गिराने की कथित साजिश रचने को लेकर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. कांग्रेस के बेरमो विधायक कुमार जयमंगल की शिकायत पर रांची के कोतवाली थाने में पुलिस ने मामला दर्ज किया, फिर दो दिन बाद शनिवार को अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो को गिरफ्तार किया गया.
वहीं कांग्रेस विधायक नमन ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि गिरफ्तार किए गए तीन लोग वही हैं, जिन्होंने उनसे संपर्क किया था. उन्होंने कहा कि उनके चेहरे याद नहीं है.
हालांकि इस मामले में कई पेच नजर आ रहे है. झारखंड की राजधानी रांची के एक होटल से तीन लोगों को पकड़ने का दावा पुलिस कर रही है. लेकिन पकड़े गए एक शख्स के परिजन का आरोप है कि पुलिस उन्हें घर से लेकर गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमें से एक फल का ठेला लगाता है, दूसरा ठेका मजदूर है और तीसरा ठेकेदारी का काम करता है.
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या सच में हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने की साजिश चल रही है?
इस पूरे मामले पर विपक्ष यानी बीजेपी जेएमएम पर ही आरोप लगा रही है और एसआईटी जांच की मांग कर रही है. बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हेमंत सरकार महाराष्ट्र मॉडल की तर्ज पर पुलिस को कठपुतली बनाकर पैसा कमाने की फिराक में कार्रवाई करवा रही है. मरांडी ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में एसआईटी गठन कर जांच कराने की मांग की है.
इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी निवारन प्रसाद महतो के फेसबुक पेज पर बीजेपी के धनबाद के सांसद पशुपति नाथ और कुछ स्थानीय नेताओं के साथ तस्वीरें दिखाई दे रही हैं. लेकिन जब झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव से निवारन को लेकर सवाल पूूछा गया तो उन्होंने कहा, "मेरी जानकारी के मुताबिक वह बीजेपी के सदस्य नहीं हैं."
अब इस मामले में महाराष्ट्र का कनेक्शन का भी दावा किया जा रहा है. दावा है कि कांग्रेस के विधायकों को एक करोड़ का ऑफर महाराष्ट्र बीजेपी के दो विधायकों ने दिए थे. झारखंड पुलिस के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि कांग्रेस के विधायक डॉक्टर इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और निर्दलीय विधायक अमित कुमार यादव इसी बीच दिल्ली गए थे. तीनों विधायक के साथ अमित सिंह, निवारण महतो और अभिषेक दुबे भी दिल्ली गए थे.
वहीं दैनिक भास्कर अखबार के मुताबिक, कांग्रेसी विधायक इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और निर्दलीय विधायक अमित यादव ने दिल्ली जाने की बात मानी है. हालांकि उन लोगों ने अलग-अलग वजह बताई हैं, लेकिन गए साथ ही थे.
साल 2019 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर हेमंत सोरेन दोबारा सत्ता में आए थे. जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. जिसमें महागठबंधन को 81 सीटों में से 47 पर जीत मिली थी. जेएमएम के खाते में 30 सीटें, कांग्रेस ने 15 पर कब्जा जमाया था और आरजेडी सिर्फ एक पर ही जीत हासिल कर सकी थी. जबकि बीजेपी 25 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी.
ऐसे में अगर आंकड़े देखें तो महागठबंधन सरकार खतरे में नहीं दिखती है, लेकिन कांग्रेस और जेएमएम के कुछ विधायकों की नारजगी की खबरों को आए दिन हवा मिलती रहती है. जेएमएम के कुछ विधायक मंत्रिमंडल में जगह मिलने को लेकर नाराज हुए थे, लेकिन कभी ये नाराजगी खुलकर सामने नहीं दिखी.
वहीं सरकार गिराने के लिए बीजेपी को 16 विधायकों की जरूरत होगी. जोकि फिलहाल होता नहीं दिख रहा है.
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