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जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी का गठबंधन की झारखंड चुनाव में जीत तय है. मुख्यमंत्री पद का सबसे बड़े दावेदार हेमंत सोरेन को माना जा रहा है. चुनावी रुझानों के साफ होने के बाद जेएमएम के हेमंत सोरने ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. उन्होंने इस जीत को महागठबंधन की जीत बताया है. स्पष्ट जनादेश के लिए हेमंत ने राज्य के मतदाताओं का धन्यवाद भी किया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में हेमंत सोरेन ने कहा-
आगे उन्होंने कहा कि राज्य में हम महागठबंधन के तहत चुनाव लड़े. जिसमें हमें कांग्रेस-आरजेडी का सहयोग मिला. हेमंस सोरेन ने आरजेदी के लालू यादव, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका के साथ कांग्रेस के प्रभारियों और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया.
हेमंत सोरेन जेएमएम के संस्थापक और झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन के छोटे बेटे हैं. रामगढ़ के नेमरा गांव में पैदा हेमंत अब अपने पिता शिबू की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. बड़े भाई दुर्गा सोरेन के निधन और शिबू सोरेन की बढ़ती उम्र की वजह से हेमंत ने झामुमो की राजनीति को आगे बढ़ाने का जिम्मा लिया. हेमंत के नजदीकी सहयोगी दावा करते हैं कि उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है. लेकिन 2005 और 2009 का चुनावी पर्चा दाखिल करने के वक्त उन्होंने अपनी शिक्षा इंटरमीडिएट तक बताई थी.
2013 में वह राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने और दिसंबर 2014 तक इस पद पर रहे. राज्य में बीजेपी के लंबे शासन के बाद हेमंत सोरेन की वापसी मुश्किल लग रही थी. लेकिन जनवरी में उन्होंने कांग्रेस, जेवीएम-पी और कांग्रेस के गठबंधन को शक्ल देने में अहम भूमिका निभाई. विपक्ष में रहते हुए हेमंत सोरेन ने छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट में संशोधन के लिए आंदोलन चलाया और 70 हजार अस्थायी शिक्षकों को रेगुलर करने की मुहिम को समर्थन दिया. हेमंत ने राज्य में शराब बिक्री की नीति के खिलाफ विपक्ष के आंदोलन का नेतृत्व किया. साथ ही उन्होंने राज्य में सरकारी स्कूलों को बंद करने के खिलाफ भी आवाज उठाई .
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