advertisement
दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से रविवार को हिंसा की खबरें आईं. मास्क पहने कुछ हमलावर हॉस्टलों में घुसकर तोड़फोड़ करते नजर आए. जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आयशी घोष का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उनके माथे से खून बहता दिख रहा है, उनका कहना है कि कुछ मास्क पहने लोगों ने उन्हें बेरहमी से मारा है.
जेएनयू छात्रसंघ का आरोप है कि कैंपस में हिंसा भड़काने में जेएनयू प्रशासन का भी हाथ है. द क्विंट से बातचीत में JNUSU के महासचिव सतीश यादव ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों के आंदोलन की धार को कमजोर करने के लिए ऐसी हरकतें कर रहा है.
सतीश चंद्र का कहना है कि JNU में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ हमारा आंदोलन पिछले 68 दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है. लेकिन प्रशासन हमारी मांगों को पूरा नहीं करना चाहता है. इसलिए प्रशासन की ओर से तरह-तरह के प्रोपगेंडा अपनाए जा रहे हैं.
बता दें, एक दिन पहले JNU प्रशासन ने छात्रावास शुल्क बढ़ाए जाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों पर सर्वर रूम में 'तोड़फोड़' करने और तकनीकी स्टाफ को 'डराने-धमकाने' का आरोप लगाया था. इससे सेमेस्टर के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया बाधित हो गई. लेकिन जेएनयू छात्र संघ ने कहा कि प्रशासन ने छात्रों पर हमला करने के लिए 'नकाबपोश' सुरक्षा गार्डों का इस्तेमाल किया.
एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश ने न्यूज एजेंसी IANS से कहा, "करीब चार से पांच सौ लेफ्ट से जुड़े लोग पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए, यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा."
एबीवीपी ने दावा किया कि उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ को बुरी तरह से घायल किया गया है और शायद मारपीट के बाद उसका हाथ टूट गया. दुर्गेश ने आगे कहा कि छात्रों पर पत्थर फेंके गए, जिसके चलते कुछ के सिरों पर चोटें आई हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)