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दिल्ली में हिंसा के बीच दिल्ली सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली सरकार की तरफ से कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी गई है. कन्हैया कुमार पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप है. जिसके बाद उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. दिल्ली पुलिस ने कन्हैया पर चार्जशीट दायर की थी. लेकिन इसे दिल्ली सरकार की तरफ से मंजूरी नहीं मिली थी.
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कन्हैया मामले पर कहा था कि जल्द कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा था कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार के देश विरोधी नारों के मामले पर फैसला लेना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, फिर भी वह इस पर जल्द निर्णय के लिए विधि विभाग से बाद करेंगे.
दिल्ली सरकार की तरफ से देशद्रोह मामले में केस चलाने की इजाजत दिए जाने के बाद कन्हैया कुमार ने भी ट्वीट किया है. कन्हैया ने कहा है कि उनके केस को गंभीरता से लिया जाए. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,
बता दें कि दिल्ली पुलिस की तरफ से लगातार कोर्ट में कहा जा रहा था कि दिल्ली सरकार चार्जशीट को आगे नहीं बढ़ा रही है. इसे लेकर दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला बोला था. वहीं केजरीवाल का कहना था कि ये मामला विधि विभाग के पास है.
दरअसल, देशद्रोह के मामले में सीआरपीसी के सेक्शन 196 के तहत जब तक सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक कोर्ट आरोप-पत्र पर संज्ञान नहीं ले सकती. इसलिए कन्हैया कुमार के खिलाफ चलाए जा रहे देशद्रोह के मामले में दिल्ली सरकार की इजाजत लेना अनिवार्य है.
बता दें कि 9 फरवरी 2016 को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस दौरान कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने की खबरें आई थीं. जिसमें कन्हैया कुमार और 9 लोगों के खिलाफ देश विरोधी नारे लगाने के आरोप लगे थे. जिसके बाद कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. कन्हैया कुमार उस वक्त जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष थे. हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.
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