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दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू में छात्राओं का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज की छात्राओं ने जेएनयू प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. छात्राओं की मांग है कि जेएनयू प्रशासन स्वतः संज्ञान लेते हुए सेक्सुल हैरेसमेंट मामले में आरोपी प्रोफेसर अतुल जौहरी को सस्पेंड करे.
बता दें कि छात्राओं के भारी हंगामे के पांच दिन बाद दिल्ली पुलिस ने प्रोफेसर अतुल जौहरी को मंगवार को गिरफ्तार किया, लेकिन कुछ ही देर में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई.
बीते गुरुवार को यूनिवर्सिटी की 9 छात्राओं ने प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में छात्राओं ने प्रोफेसर पर गलत तरीके से छूने, भद्दी टिप्पणियां करने और देर रात फोन करने जैसे आरोप लगाए गए हैं.
जेएनयू के प्रोफेसर अतुल जौहरी को मंगलवार को छात्राओं के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि कुछ ही घंटों के भीतर उन्हें कोर्ट ने जमानत दे दी. कुछ छात्राओं द्वारा प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये जाने के बाद छात्र, प्रोफेसर और महिला अधिकार संगठन उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे.
दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता दीपेन्द्र पाठक ने बताया कि वसंत कुंज थाने में तीन घंटे तक पूछताछ के बाद जौहरी को गिरफ्तार कर लिया गया. लाइफ साइंसेस विभाग के जौहरी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ऋतु सिंह की अदालत में पेश किया गया. मजिस्ट्रेट ने जौहरी की जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए प्रोफेसर को उनके खिलाफ दर्ज आठ प्राथमिकियों में प्रत्येक के लिए 30-30 हजार रुपये का मुचलका भरने का आदेश दिया.
पुलिस के अधिकारी ने बताया, ‘‘दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध किया क्योंकि शिकायतकर्ताओं ने आरोपी द्वारा धमकाये जाने की शंका जाहिर की क्योंकि उनके पास जेएनयू में विभिन्न प्रशासनिक पद हैं.'' उन्होंने बताया, ‘‘दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने इस शर्त पर आरोपी को जमानत दी कि वह किसी भी तरह से जांच को प्रभावित करने या शिकायतकर्ताओं को धमकाने का काम नहीं करेंगे.''
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