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दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 5 जनवरी को कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों के साथ हिंसा की. इसके विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस पर देरी से कार्रवाई करने के आरोप लग रहे हैं. अब यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने इस हिंसा पर बयान दिया है.
वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने हिंसा को एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है. कुमार ने कहा कि JNU कैंपस को बहस और चर्चा से मुद्दों को हल करने के लिए जाना जाता है.
जगदीश कुमार ने कहा कि अब यूनिवर्सिटी को एक नई शुरूआत करनी है और जो कुछ हुआ उसे भूलना है. कुमार बोले, "सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. छात्र अब शीतकालीन सत्र के लिए रजिस्टर कर सकते हैं. आइए हम अतीत को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत करें."
कुमार ने बताया कि उन्हें हिंसा शुरू होने के बारे में शाम करीब 4:30 बजे पता चला था. उन्होंने कहा, "हमें पता चला कि छात्रों का समूह हॉस्टल एरिया की तरफ बढ़ रहे हैं. फिर हमने अपने सिक्योरिटी गार्ड्स को स्थिति पता और कंट्रोल करने भेजा, लेकिन वहां और छात्र जमा हो गए. तुरंत पुलिस को संपर्क किया गया. स्थिति संभाली गई."
कुछ वॉर्डन के इस्तीफे की खबर पर वाइस चांसलर ने कहा, "हमारे वॉर्डन्स ने इस्तीफा नहीं दिया है. कोई इस्तीफा नहीं हुआ है." कुमार ने कुछ छात्रों पर वॉर्डन्स को घेर कर, उन पर चिल्लाने और उनकी बेज्जती करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "ये बातचीत करने का कोई तरीका होता है?"
जेएनयू में हुई हिंसा में घायल हुईं JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष ने 6 जनवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने की मांग की थी. साथ ही, आइशी ने हिंसा के लिए एबीवीपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया.
दिल्ली पुलिस ने JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष और 19 अन्य के खिलाफ 4 जनवरी को सर्वर रूम में कथित तोड़फोड़ और सिक्योरिटी गार्ड पर हमला मामले में FIR दर्ज की है. हालांकि उनका नाम आरोपी वाले कॉलम में नहीं है, बल्कि डीटेल लिस्ट में शामिल है. ये FIR जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर 5 जनवरी को दर्ज हुई है.
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