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दिल्ली पुलिस ने 5 जनवरी को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इसमें बाहरी लोगों का 'हाथ' नहीं था. पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ संदिग्धों की भी तस्वीर जारी की है, जिसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी हैं. पुलिस ने कहा है कि नकाबपोशों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला, इसके बाद वायरल फोटो और वीडियो की मदद ली गई.
दिल्ली पुलिस ने संदिग्धों की जो तस्वीरें जारी की हैं, वो वायरल वीडियो के आधार पर जारी की हैं. इसमें आइशी घोष, वास्कर विजय मेक, सुचेता तालुकदार, प्रिया रंजन की जो तस्वीरें जारी की हैं, वो एक वायरल वीडियो से हैं, जिसे सबसे पहले रिपब्लिक के जर्नलिस्ट पीयूष मिश्रा ने ट्वीट किया था.
इसके बाद, एबीवीपी ने भी इस वीडियो को ट्वीट कर कहा था कि वीडियो में आइशी घोष को 'लाल गुंडों' का नेतृत्व करते देखा जा सकता है.
दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एबीवीपी के राष्ट्रीय आयोजन सचिव आशीष चौहान ने वही वायरल वीडियो शेयर कर लिखा कि दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच एबीवीपी के रुख को कंफर्म करती है.
बता दें कि जेएनयू छात्र संघ ने एबीवीपी की तरफ से जारी इस वीडियो पर कहा था कि नकाब पहने एबीवीपी के लोगों के हॉस्टल में घुसने के बाद आइशी और दूसरे लोग उन्हें बाहर निकालने गए थे.
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र चुनचुन कुमार को भी हिंसा में आरोपी बनाया है. चुनचुन कुमार की जो फोटो दिल्ली पुलिस ने जारी की है, उसी फोटो को एबीवीपी के राष्ट्रीय आयोजन सचिव आशीष चौहान ने 7 जनवरी को शेयर की थी.
वहीं, एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव निधी त्रिपाठी ने 7 जनवरी को एक वीडियो शेयर किया था. दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी चुनचुन कुमार की फोटो इसी वीडियो में से निकाली गई लगती है.
AISA ने जेएनयू हिंसा का आरोप एबीवीपी पर लगाते हुए कुछ तस्वीरें जारी की थीं, लेकिन इसपर दिल्ली पुलिस ने कुछ नहीं कहा. क्विंट AISA की तरफ से जारी तस्वीरों की पुष्टि नहीं करता है.
वहीं, हिंदू रक्षा दल नाम के एक संगठन ने दावा किया था कि जेएनयू में उसी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा करवाई थी.
हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वो जेएनयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी ले रहा था. इस संगठन पर भी दिल्ली पुलिस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ नहीं कहा.
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