‘मेरा नाम है उमर खालिद और मैं आतंकवादी नहीं हूं’

JNU यूनिवर्सिटी कैंपस में वापस लौटे उमर खालिद और उनके साथी, देश विरोधी नारे लगाने से किया इनकार

द क्विंट
भारत
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(फोटो: Twitter)
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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में 9 फरवरी को ‘देश विरोधी’ नारे लगाने के मुख्य आरोपी उमर खालिद रविवार शाम यूनिवर्सिटी कैंपस में वापस लौट आए. उमर के साथ उनके बाकी चार साथी, अनिर्बान, आशुतोष, रामा नागा और अनंत भी कैंपस लौटे.

इस बारे में सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस देर रात छात्रों की तलाश में जेएनयू पहुंची. हालांकि पुलिस की मानें, तो उन्हें कैंपस में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई.

वहीं कथित देशद्रोह के आरोप में फरार चल रहे उमर खालिद और उनके साथी छात्रों ने कहा कि वे यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर से मिलने की कोशिश कर रहे हैं और इस मुलाकात के बाद वे गिरफ्तारी देने को तैयार हैं. खालिद और उसके साथी फिलहाल एडमिन ब्लॉक में मौजूद हैं और वहां से हटने को तैयार नहीं हैं.

रविवार रात जेएनयू परिसर में दाखिल होने के बाद उमर खालिद ने विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्रों की एक पब्लिक मीटिंग की.

‘संघ के खिलाफ जंग रहेगी’

मीटिंग में अपना परिचय देते हुए उमर खालिद ने कहा,‘मेरा नाम उमर खालिद है और मैं आतंकवादी नहीं हूं.’ मीटिंग में खालिद मोदी सरकार, बीजेपी और संघ के खिलाफ काफी मुखर दिखे. उन्होंने दावा किया कि किसी भी छात्र ने कोई भाषण नहीं दिया. साथ ही 9 फरवरी को देश विरोधी नारे लगाने से भी इंकार किया.

इस पब्लिक मीटिंग को संबोधित करते हुए उमर ने कहा,

  • डरपोक है यह सरकार, जो मेरा मीडिया ट्रायल करवा रही है.
  • मेरे पास पासपोर्ट नहीं है, तो मैं 2 बार पाकिस्तान कैसे जा सकता हूं?
  • मुझे ‘देशद्रोहियों का मास्टरमांइंड’ कहकर सरकार और मीडिया मजाक कर रहे हैं.
  • आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ से मेरा नाम जोड़ना बेहद शर्मनाक है.
  • आदिवासियों को ‘माओवादी’ और मुसलमानों को ‘आतंकी’ कहने का एक ट्रेंड बना दिया गया है देश में.
  • जेएनयू से टक्कर लेना महंगा पड़ेगा इस सरकार को.
  • मुझे अपने ऊपर लगे आरोपों से डर नहीं लगा, डर लगा अपने पिता और बहन के बारे में सोचकर, जिन्हें कथित देशभक्त धमकियां दे रहे थे.
  • मैंने कभी अपने आप को एक मुसलमान के तौर पर पेश नहीं किया. लेकिन इस सरकार ने 10 दिन में एहसास करा दिया कि मैं मुसलमान हूं.
  • सरकार डरती है, क्योंकि हम चीजों पर चर्चा और विमर्श करते हैं.
  • याद रहे, जेएनयू के छात्र इमरजेंसी के दौर में भी इंदिरा गांधी से नहीं डरे.
  • जो यूनिवर्सिटी छात्रों को सोचने की आजादी न दे, उसे मैं जेल कहता हूं.

जेएनयू के छात्रों ने रविवार को इस मीटिंग का एक वीडियो भी जारी किया. हालांकि इसकी पुलिस द्वारा कोई पुष्टि नहीं की गई है. देखें वीडियो...

JNU प्रशासन ने पुलिस को अंदर जाने से रोका

जेएनयू प्रशासन ने अभी तक इस बारे में कोई भी बयान नहीं दिया है. हालांकि रविवार रात उमर खालिद के वापस लौटने की सूचना पर जब पुलिस पहुंची तो जेएनयू प्रशासन ने पुलिस को कैंपस के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी. इस पर पुलिस ने कहा कि वह मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करेगी और यूनिवर्सिटी की ओर से इजाजत का इंतजार करेगी.

गौरतलब है कि बीते 9 फरवरी को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी पर जेएनयू में उमर खालिद के नेतृत्व में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें कथि‍त तौर पर देश विरोधी नारेबाजी की गई थी.

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Published: 22 Feb 2016,08:18 AM IST

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