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JNU छात्रसंघ चुनाव में सभी पदों पर लेफ्ट का कब्जा,आइशी घोष अध्यक्ष

एक बार फिर से जेएनयू छात्रसंघ में लेफ्ट पार्टियों का कब्जा बरकरार रहा

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एक बार फिर से जेएनयू छात्रसंघ में लेफ्ट पार्टियों का कब्जा बरकरार रहा
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एक बार फिर से जेएनयू छात्रसंघ में लेफ्ट पार्टियों का कब्जा बरकरार रहा
(फोटो: facebook)

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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के नतीजे घोषित हो गए हैं. सेंट्रल पैनल की सभी चार सीटों पर लेफ्ट यूनिटी ने जीत हासिल की है. जेएनयूएसयू 2019-20 के लिए अध्यक्ष पद पर आइशी घोष निर्वाचित हुईं हैं.

घोष को 2,313 वोट मिले हैं वहीं दूसरे पद पर 1,128 वोटों के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मनीष जांगीड़ रहे. बता दें, दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयूएसयू के नतीजों की घोषणा पर 17 तारीख तक के लिए रोक लगा दी थी.

किसे कितने वोट मिले?

अध्यक्ष

  • लेफ्ट: 2,313
  • एबीवीपी: 1,128
  • बीएपीएसए: 1,121
  • एनएसयूआई: 771
  • छात्र आरजेडी: 156
  • निर्दलीय: 53

उपाध्यक्ष

  • लेफ्ट: 3,365
  • एबीवीपी: 1,335
  • छात्र आरजेडी: 285

महासचिव

  • लेफ्ट:2,518
  • एबीवीपी:1,355
  • बीएपीएसए:1,232

सह सचिव

  • लेफ्ट: 3,295
  • एबीवीपी: 1508

हाई कोर्ट के आदेश से रुके थे नतीजे

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव के अंतिम नतीजे घोषित होने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 सितंबर तक के लिए रोक लगाई थी. इसके बाद खबर आई कि 17 सितंबर को नतीजे घोषित किए जाएं, इसके लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. बता दें, हाईकोर्ट ने चुनाव नतीजों पर लगाई गई रोक को हटाने का फैसला लेते हुए इसके खिलाफ दायर की गई याचिकाओं को भी रद्द कर दिया.

जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव के लिए हुई वोटिंग के तुरंत बाद नतीजे आने थे, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने नतीजे घोषित करने पर रोक लगा दी थी. इस चुनाव के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि इस बार लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का पालन नहीं किया गया है. जिसके बाद कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन इलेक्शन कमेटी से जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.

एक बार फिर लहराया लेफ्ट का परचम

जेएनयू के छात्रसंघ चुनाव के नतीजों पर भले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी, लेकिन इसके बाद भी वोटों की गिनती हुई. हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए कुछ वोटों की गिनती छोड़ दी गई. लेकिन जितनी वोटों की गिनती हुई उनमें लेफ्ट सभी पदों पर भारी मतों के अंतर से आगे था. इसके साथ ही लेफ्ट की विचारधारा वाली छात्र संगठनों ने जेएनयू में जीत का सिलसिला जारी रखा है.

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