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जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया है कि जेएनयू में 24 घंटे से ज्यादा वक्त के लिए यूनिवर्सिटी के भीतर वाईफाई को सेंसर किया गया. यानी, जब किसी छात्र ने अपने फोन या कंप्यूटर को यूनिवर्सिटी के फ्री वाई-वाई के जरिए इंटरनेट एक्सेस किया तो उसे कुछ चुनिंदा वेबसाइट और कंटेट तक पहुंचने से रोका गया.
जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष सिमोन जोया खान ने क्विंट को बताया, “शुक्रवार की रात सबसे पहले ये जानकारी सामने आई कि कुछ चुनिंदा यूट्यूब चैनलों को एक्सेस करने में दिक्कत आ रही है. उसके बाद पता चला कि यूनिवर्सिटी के वाईफाई के जरिए एक्सेस करने पर ही ऐसा हो रहा है. रविवार सुबह जाकर वाईफाई से सेंसरशिप हटाई गई है. फिलहाल, सारी साइट्स और वीडियो देखे जा सकते हैं. सेंसरशिप को हटाने का फैसला भी छात्रों के दबाव के बाद लिया गया.”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को कुछ छात्रों ने कहा कि उन्हें यूट्यूब पर मौजूद तमाम न्यूज चैनलों का एक्सेस रोक दिया गया है.
शनिवार रात, जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद समेत कई लोगों ने ट्विटर पर इस बारे में लिखा. शेहला ने ट्वीट किया, "जेएनयू प्रशासन ने जेएनयू वाईफाई सेंसर कर दिया है. छात्र AIB, वायर, एनडीटीवी, छात्र आंदोलन से जुड़े यूट्यूब वीडियो, ममता बनर्जी, राहुल गांधी, शहला रशीद, केजरीवाल, कन्हैया जैसे कीवर्ड के एक्सेस पर पाबंदी है."
हालांकि, रेक्टर-III आरपी सिंह ने ट्वीट कर इसे गलत जानकारी करार दिया. उन्होंने कहा, जेएनयू की URL फिल्टर पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया गया है."
A video uploaded online showed students were getting the “restricted mode” message when they tried to access certain channels. The message said: “Some results have been removed because Restricted Mode is enabled by your network administrator”.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक AISA की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुचेता डे का आरोप है कि न्यूज पोर्टल के अलावा AISA के यूट्यूब चैनल को भी ब्लॉक किया गया है.
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