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Joshimath: बुलडोजर, विस्थापितों को किराया, फोर्स तैनात.. जोशीमठ में क्या हो रहा?

Joshimath Sinking Relief Work: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जोशीमठ संकट पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया

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<div class="paragraphs"><p>Joshimath Sinking</p></div>
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Joshimath Sinking

(फोटो- पीटीआई)

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उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath Sinking) में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम शुरू हो रहा है. इस अभियान के तहत उन होटल, घर और भवनों को ढहाया जा रहा है, जिन्हें असुरक्षित घोषित किया जा चुका है. कार्रवाई की शुरूआत दो होटलों से की जानी है. दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जोशीमठ संकट पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया और मामले को 16 जनवरी को सुनवाई के लिए तय किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि "हर महत्वपूर्ण मामले के सुप्रीम कोर्ट में आने की जरूरत नहीं है."

यहां हम आपको 8 प्वाइंट में सरकार के राहत कार्यों और जोशीमठ से जुड़े लेटेस्ट डेवलपमेन्ट के बारे में बताते हैं.

1. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने मंगलवार को कहा कि जोशीमठ में अब तक 678 इमारतों को 'असुरक्षित' चिह्नित किया गया है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में SDRF की आठ और NDRF की एक टीम मौजूद है. जरूरत पड़ने पर कुछ इलाकों को सील करने का भी प्लान है.

2. जोशीमठ में भूं-धसाव के मामले को लेकर 6 जनवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई हाई लेवल मीटिंग में अस्थाई रूप से विस्थापित किए जाने वाले परिवारों को 6 माह तक प्रति परिवार 4000 रूपए देने के आदेश जारी किए गए हैं.

3. भू-धंसाव के चलते तमाम घरों और होटलों में पड़ी दरारें बढ़ती जा रही हैं. प्रशासन ने असुरक्षित जोन घोषित किए हैं. ऐसे में जो घर और इमारतें सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन्हें जमींदोज करने का काम शुरू हो गया है. सबसे पहले टीम ने होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाए जाने का प्लान किया है.  

4. आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा के मुताबिक, उन सभी भवनों को सिलसिलेवार गिराया जा रहा है. जिनमें ज्यादा दरारें आ चुकी हैं उनको पहले ढहाया जा रहा है. सबसे पहले असुरक्षित भवन गिराए जाएंगे. भवनों को गिराने के लिए विस्फोटकों की मदद नहीं ली जा रही है. सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिरा रही है. इसके लिए मजदूरों की मदद ली जा रही है.

5.  सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग खारिज कर दी और 16 जनवरी को इसपर विचार करने पर सहमत हो गया. चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि हर महत्वपूर्ण चीज सीधे इसमें नहीं आनी चाहिए.

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6. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 जनवरी को हुई बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि तत्काल प्रभाव से सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थाई पुनर्वास केंद्र बनाया जाए. ताकि जोशीमठ शहर के लोगों को वहां पर शिफ्ट कराया जा सके. 16 जगहों पर अब तक कुल 81 परिवार विस्थापित किए जा चुके हैं. उत्तराखंड DGP अशोक कुमार ने जानकारी दी है कि अबतक 87 घरों के लोगों को शिफ्ट किया गया है.

7. SDRF की टीमें अलर्ट मोड पर हैं. पुलिस महानिरीक्षक SDRF रिद्धिम अग्रवाल के दिशा निर्देशन में SDRF की आठ टीमों को प्रथम चरण में जोशीमठ में तैनात किया गया है. SDRF की यह टीमें अन्य इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए जहां एक ओर भू धंसाव वाले क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रही हैं.

8. जोशीमठ पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि "कुछ होटल जो एक दम टेंढे हो गए थे उनको हटाना जरूरी है. जिसका भी जो भी नुकसान हुआ है उसका आकलन किया जा रहा. सरकार ने क्षतिपूर्ति करने का मन बनाया है, जगह भी खोज ली गई है. जानवरों के लिए कल से आश्रय गृह बनाने का काम शुरू हो जाएगा."

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