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बर्गर, पिज्जा, चिप्स जैसे जंक फूड का विज्ञापन अब कॉर्टून चैनलों पर नहीं दिखेंगे.
सरकार ने बच्चों की सेहत का हवाला देते हुए कोला ड्रिंक्स और सेहत के लिए नुकसानदेह पैकेज्ड फूड आइटम के विज्ञापनों को कॉर्टून चैनलों में बैन का ऐलान किया है.
सरकार के मुताबिक जंक फूड बच्चों के सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं और कार्टून चैनलों पर इन्हें दिखाए जाने से बच्चों का झुकाव जंक फूड की तरफ होता है.
सरकार ने लोकसभा में बताया कि कोशिश है कि बच्चों को जंक फूड से बचाया जाए. सरकार के मुताबिक हिंदुस्तान यूनीलीवर और नेस्ले समेत 9 जानीमानी फूड कंपनियों ने फैट, नमक और चीनी की ज्यादा मात्रा वाली खाने-पीने के तमाम आइटम के विज्ञापन बच्चों के चैनलों में बंद करने का भरोसा भी दिया है.
लोकसभा में विनायक राउत के सवाल के जवाब में सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि जंक फूड से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.
राठौड़ के मुताबिक खान-पान में भ्रामक विज्ञापनों के प्रसारण को रोकने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक अथॉरिटी (FSSAI) ने 11 सदस्यों का एक पैनल बनाया है. अब इसकी रिपोर्ट पर अमल हो रहा है.
कुछ दिनों पहले सरकार ने इसी तरह के एक फैसले में सभी टीवी चैनलों को आदेश दिया था कि सुबह छै बजे से रात दस बजे के बीच कंडोम के विज्ञापन ना दिखाए जाएं. सरकार के आदेश के मुताबिक इस तरह के विज्ञापन अशोभनीय और अश्लील होते हैं जिससे बच्चों पर बुरा असर पड़ता है.
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