Home News India विरोध के बावजूद जस्टिस माहेश्वरी और संजीव खन्ना की SC में एंट्री
विरोध के बावजूद जस्टिस माहेश्वरी और संजीव खन्ना की SC में एंट्री
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त
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भारत
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(फोटो:Twitter/PTI)
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त कर दिया है. कोलेजियम में इन जजों की नियुक्ति को लेकर लगातार विरोध हो रहा था, लेकिन इसके बावजूद अब राष्ट्रपति ने दोनों जजों को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त कर दिया है.
राष्ट्रपति को लेटर लिखकर किया था विरोध
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस कैलाश गंभीर ने इन दोनों जजों की नियुक्ति का विरोध किया था. कॉलेजियम के फैसले का विरोध करते हुए उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लेटर भी लिखा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि 32 सीनियर जजों की अनदेखी कर जस्टिस संजीव खन्ना और दिनेश माहेश्वरी को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करना एक ऐतिहासिक भूल की तरह होगा.
इससे पहले कॉलेजियम की तरफ से इन दोनों जजों को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्त करने पर विवाद शुरू हुआ था. रिटायर्ड जज ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम पर सवाल खड़े किए थे और राष्ट्रपति को लेटर लिख इस पर ध्यान देने को कहा था
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जानिए क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफारिश को लेकर ऐतराज उठाए गए थे
जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट में सिर्फ जस्टिस हैं
दिनेश महेश्वरी कर्नाटक हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस हैं
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 16 जनवरी को दोनों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी
बार काउंसिल ने कई सीनियर जजों की अनदेखी करके उनके जूनियर जज को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने के फैसले को मनमाना बताया है
बार काउंसिल ने कहा है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की कॉलिजियम का फैसला समझ से परे है
इसके पहले सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने चीफ जस्टिस और कॉलिजियम को दूसरे 4 जजों को को चिट्ठी लिखकर वरिष्ठता की अनदेखी करने पर ऐतराज जताया था.
चीफ जस्टिस के अलावा कॉलिजियम में जस्टिस ए के सीकरी, एस ए बोबडे, एन वी रमन्ना और जस्टिस अरुण मिश्रा शामिल हैं.
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