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हाल ही दिल्ली हाईकोर्ट से जस्टिस एस मुरलीधर का ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया था. ट्रांसफर होने के बाद वो काफी चर्चाओं में रहे थे. जस्टिस मुरलीधर ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कामकाज संभालने के बाद कोर्ट के वकीलों से कहा है कि वे उन्हें ‘माई लॉर्ड’ और ‘योर लॉर्डशिप’ कह कर संबोधित न करें.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 16 मार्च को मुरलीधर की बेंच को जारी की गई सूचना में कहा कि, जस्टिस मुरलीधर की गुजारिश है कि उन्हें ‘योर लॉर्डशिप’ या फिर ‘माई लॉर्ड’ कह कर संबोधित करने से बचें.
जस्टिस एस मुरलीधर ने दिल्ली हिंसा को लेकर आधी रात को सुनवाई की थी और घायलों को समुचित इलाज और सुरक्षा मुहैया कराने को कहा था. बाद में इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की अगुआई वाली पीठ को ट्रांसफर कर दिया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने बीजेपी के तीन नेताओं के नफरत भरे भाषणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में दिल्ली पुलिस की नाकामी पर रोष जताया था.
हेट स्पीच को लेकर बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और दिल्ली को दोबारा 1984 के दंगे जैसी स्थिति में नहीं धकेलने देने की टिप्पणी के कुछ घंटे बाद ही 26 फरवरी को जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला कर दिया गया.
बता दें, मुरलीधर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जस्टिस हैं, जहां वह सेकेंड डिवीजन बेंच का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने 6 मार्च को यहां अपना पदभार संभाला है.
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