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के. चंद्रशेखर राव ने लगातार दूसरी बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. चंद्रशेखर राव को कई मौकों पर अहम फैसले बड़े सहज भाव से लेने वाले स्मार्ट नेता के तौर पर देखा जाता है. उनका राजनीतिक जीवन कई अहम पड़ावों से गुजरा और सही समय पर सही रास्ता चुन लेने का उनका हुनर उन्हें नए गठित हुए राज्य की सत्ता के शीर्ष तक ले गया.
केसीआर के राजनीतिक जीवन में साल 2001 में उस वक्त नया मोड़ आया, जब उन्होंने आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपसभापति का पद छोड़ते हुए तेलुगु देसम पार्टी को भी अलविदा कह दिया. यहां से वह तेलंगाना संघर्ष समिति का गठन करके तेलंगाना क्षेत्र को एक अलग राज्य बनाने के रास्ते पर निकल पड़े.
तेलंगाना संघर्ष समिति ने धीरे धीरे अपनी जड़ें जमाना शुरू किया और साल 2004 में चंद्रशेखर करीमनगर लोकसभा क्षेत्र से न सिर्फ चुनाव जीते, बल्कि यूपीए-1 में केन्द्रीय मंत्री भी बनाए गए.
अपनी मांग को लेकर केन्द्र सरकार पर लगातार दबाव बनाते हुए केसीआर ने नवंबर 2009 में एक बड़ा दांव खेला और तेलंगाना राज्य के गठन की मांग करते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया.
उनका यह पैंतरा काम कर गया और केन्द्रीय गृह मंत्री को कहना पड़ा कि तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. केसीआर के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति के लंबे संघर्ष के बाद 2014 में आखिरकार तेलंगाना का गठन हुआ.
तेलंगाना राष्ट्र समिति के लंबे संघर्ष के बाद साल 2014 में तेलंगाना का गठन हुआ. पहले चुनाव में राज्य की 119 विधानसभा सीटों में से 63 पर जीत हासिल कर केसीआर सत्ता के गलियारों तक जा पहुंचे.
केसीआर ने राज्य में सवा चार साल सरकार चलाई. इसके बाद उन्होंने मौके की नजाकत को भांपते हुए राज्य विधानसभा को भंग करने का ऐलान कर दिया. इसके बादा राज्य में दोबारा चुनाव हुए और केसीआर की पार्टी ने एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की.
केसीआर की पार्टी टीआरएस ने दूसरी बार हुए विधानसभा चुनाव में 119 सीटों में से 88 सीटों पर जीत हासिल की है. टीआरएस को राज्य में कुल 46.9 फीसदी वोट मिला है. गुरुवार को उन्होंने तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली.
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