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कौन हैं तेलंगाना के CM पद की दूसरी बार शपथ लेने वाले केसीआर  

चंद्रशेखर राव के सियासी सफर पर एक नजरः

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केसीआर वक्त पर अहम फैसला लेने वाले स्मार्ट नेता हैं 
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केसीआर वक्त पर अहम फैसला लेने वाले स्मार्ट नेता हैं 
(फोटोः TRS)

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के. चंद्रशेखर राव ने लगातार दूसरी बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. चंद्रशेखर राव को कई मौकों पर अहम फैसले बड़े सहज भाव से लेने वाले स्मार्ट नेता के तौर पर देखा जाता है. उनका राजनीतिक जीवन कई अहम पड़ावों से गुजरा और सही समय पर सही रास्ता चुन लेने का उनका हुनर उन्हें नए गठित हुए राज्य की सत्ता के शीर्ष तक ले गया.

चंद्रशेखर राव के सियासी सफर पर एक नजरः

  • चंद्रशेखर राव का जन्म तेलंगाना के मेडक जिले के चिंतमडका में 17 फरवरी 1954 को हुआ
  • उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय से तेलुगु साहित्य में स्नातकोतर की डिग्री ली है
  • केसीआर ने 1970 में युवक कांग्रेस के सदस्य के तौर पर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत की
  • 13 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद वह 1983 में तेलुगु देसम में शामिल हुए
  • TDP के टिकट पर साल 1985 से 1999 के बीच सिद्धिपेट से लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीते
  • वह आंध्र प्रदेश की एन टी रामाराव सरकार में मंत्री बनाए गए
  • साल 2000 में उन्हें आंध्र प्रदेश विधानसभा का उप सभापति बनाया गया
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धुन के पक्के केसीआर ने तेलंगाना के गठन के बाद ही लिया दम

केसीआर के राजनीतिक जीवन में साल 2001 में उस वक्त नया मोड़ आया, जब उन्होंने आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपसभापति का पद छोड़ते हुए तेलुगु देसम पार्टी को भी अलविदा कह दिया. यहां से वह तेलंगाना संघर्ष समिति का गठन करके तेलंगाना क्षेत्र को एक अलग राज्य बनाने के रास्ते पर निकल पड़े.

तेलंगाना संघर्ष समिति ने धीरे धीरे अपनी जड़ें जमाना शुरू किया और साल 2004 में चंद्रशेखर करीमनगर लोकसभा क्षेत्र से न सिर्फ चुनाव जीते, बल्कि यूपीए-1 में केन्द्रीय मंत्री भी बनाए गए.

अपनी धुन के पक्के केसीआर ने 2006 में यह कहकर मंत्री पद छोड़ दिया कि केन्द्र सरकार उनकी मांग को गंभीरता से नहीं ले रही है. उनके इन तमाम कदमों से वह तेलंगाना क्षेत्र में राजनीति की धुरी बन गए.

अपनी मांग को लेकर केन्द्र सरकार पर लगातार दबाव बनाते हुए केसीआर ने नवंबर 2009 में एक बड़ा दांव खेला और तेलंगाना राज्य के गठन की मांग करते हुए आमरण अनशन शुरू कर दिया.

उनका यह पैंतरा काम कर गया और केन्द्रीय गृह मंत्री को कहना पड़ा कि तेलंगाना के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. केसीआर के नेतृत्व में तेलंगाना राष्ट्र समिति के लंबे संघर्ष के बाद 2014 में आखिरकार तेलंगाना का गठन हुआ.

तेलंगाना का गठन कर केसीआर ने पहली बार बनाई सरकार

तेलंगाना राष्ट्र समिति के लंबे संघर्ष के बाद साल 2014 में तेलंगाना का गठन हुआ. पहले चुनाव में राज्य की 119 विधानसभा सीटों में से 63 पर जीत हासिल कर केसीआर सत्ता के गलियारों तक जा पहुंचे.

केसीआर ने राज्य में सवा चार साल सरकार चलाई. इसके बाद उन्होंने मौके की नजाकत को भांपते हुए राज्य विधानसभा को भंग करने का ऐलान कर दिया. इसके बादा राज्य में दोबारा चुनाव हुए और केसीआर की पार्टी ने एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की.

केसीआर की पार्टी टीआरएस ने दूसरी बार हुए विधानसभा चुनाव में 119 सीटों में से 88 सीटों पर जीत हासिल की है. टीआरएस को राज्य में कुल 46.9 फीसदी वोट मिला है. गुरुवार को उन्होंने तेलंगाना के दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली.

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Published: 13 Dec 2018,02:29 PM IST

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