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Katchatheevu: क्या है कच्चाथीवू, जिसका जिक्र PM मोदी ने संसद के अपने भाषण में किया?

कच्चाथीवू द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुआ था.

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Katchatheevu: क्या है कच्चाथीवू, जिसका जिक्र PM मोदी ने संसद के अपने भाषण में किया?

(फोटो: गूगल मैप)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) का जवाब देते हुए गुरुवार, 10 अगस्त को विपक्ष पर हमला बोला. अपने भाषण के दौरान कांग्रेस की पिछली सरकार को घेरते हुए पीएम मोदी ने कच्चाथीवू द्वीप (Katchatheevu Island) का जिक्र भी किया. सवाल है कि आखिर कच्चाथीवू द्वीप है क्या? कहां हैं और पीएम मोदी ने इसके जरिये कांग्रेस पर कैसे निशाना साधा?

कच्चाथीवू द्वीप कहां है?

कच्चाथीवू द्वीप भारत और श्रीलंका के बाच पाल्क जलडमरूमध्य में स्थित एक छोटा सा निर्जन द्वीप है. यह श्रीलंका और भारत के बीच एक विवादित क्षेत्र है.

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कच्चाथीवू द्वीप किसका है?

वैसे तो 1976 से पहले भारत इसपर दावा करता था लेकिन 1974-77 के बीच भारत-श्रीलंका समुद्री सीमा समझौते के तहत यह श्रीलंका के हिस्से आ गया और अब वहां की सरकार इसपर शासन करती है.

दरअसल कच्चाथीवू द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुआ था. एक रिपोर्ट के अनुसार कच्चातिवु द्वीप पर कभी रामनाड (वर्तमान रामनाथपुरम, तमिलनाडु) के राजा का शासन था. यह बाद में मद्रास प्रेसीडेंसी का हिस्सा बन गया.

1921 में, श्रीलंका और भारत दोनों ने मछली पकड़ने के लिए भूमि के इस टुकड़े पर दावा किया और विवाद अनसुलझा रहा. ब्रिटिश शासन के दौरान 285 एकड़ भूमि का प्रशासन भारत और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता था.

तात्कालिक पीएम इंदिरा गांधी ने किया था समझौते पर हस्ताक्षर

1974 में, तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने अपने समकक्ष श्रीलंकाई राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके के साथ 1974-76 के बीच चार समुद्री सीमा समझौतों पर हस्ताक्षर किए और कच्चाथीवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया.

लेकिन इसका विरोध तमिलनाडु ने किया. 1991 में, तमिलनाडु विधानसभा द्वारा एक प्रस्ताव अपनाया गया जिसमें कच्चाथीवू द्वीप को पुनः प्राप्त करने की मांग की गई.

2008 में, तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र को सुप्रीम कोर्ट में घसीटा और कच्चाथीवु समझौतों को रद्द करने की अपील की. उन्होंने दावा किया कि श्रीलंका को कच्चाथीवु को सौंपना असंवैधानिक था.

मई 2022 में भी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने चेन्नई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मांगें रखी थी कि कच्चाथीवु द्वीप को श्रीलंका से वापस लिया जाये.

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कच्चाथीवू द्वीप का नाम लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम ने कहा कि जो लोग (कांग्रेस) बाहर गए हैं, उनसे जरा पूछिए कि कच्चाथीवू क्या है? और यह कहां स्थित है? DMK सरकार उनके मुख्यमंत्री मुझे लिखते हैं - मोदी जी कच्चाथीवू को वापस लाओ. यह एक द्वीप है लेकिन इसे दूसरे देश को किसने दे दिया. क्या ये मां भारती का हिस्सा नहीं था? ये इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था.

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