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गैंगस्टर विकास दुबे का कथित रूप से फायनेंसर और कानपुर का कारोबारी जय बाजपेयी रविवार रात गिरफ्तार हो गया है. जय पर आरोप है कि उसने बिकरू गांव में 2-3 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे और उसके साथियों को गोला-बारूद मुहैया कराया था.
सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ को यह भी पता चला है कि जय बाजपेयी ने अपराध करने के बाद आरोपियों को घटनास्थल से भगाने में मदद करने के लिए गाड़ियों की व्यवस्था भी की थी. बाद में तीन लग्जरी कारें भी कानपुर में मिली थीं. कथित तौर पर तीन जुलाई की घटना के एक दिन बाद ही पुलिस ने जय बाजपेयी को उठा लिया था और उनसे गहन पूछताछ की गई थी. हालांकि अभी ये बात साफ नहीं हो पाई है कि 3 जुलाई को गिरफ्तारी के बाद क्या उसे छोड़ दिया गया था जो उसकी गिरफ्तारी हुई है.
हालांकि इस मामले में तब विवाद हो गया, जब IPS अमिताभ ठाकुर ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘मुझे दी गयी जानकारी के अनुसार यह जय वाजपेयी है, जिसे कानपुर पुलिस ने घर ला कर ससम्मान छोड़ा. इसके बारे में STF के हवाले से कहा गया था कि वह विकास दूबे का खासमखास और मुख्य खजांची था, उसने विकास और उसके परिवार के भागने का इंतजाम किया था . उसे इस प्रकार अपने ही पुलिस बल द्वारा ससम्मान घर छोड़े जाते देख उन 8 शहीद पुलिसवालों की आत्मा भी अवश्य ही तड़प रही होगी. बेहद कष्टप्रद !
बाकी इस पूरे मामले में पुलिस ने कोई भी ऑफिशियल बात नहीं बताई है. एसएसपी कानपुर नगर ने इसपर कुछ भी कहने से मना कर दिया है.
सूत्रों के मुताबिक जय बाजपेयी ने विकास दुबे और कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के बीच मीडिएटर का काम किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम आगे की जांच के लिए यह सारी जानकारी इनकम टैक्स और ईडी को दे रहे हैं"
इसके अलावा मारे गए एक अन्य गैंगस्टर बउआन दुबे का बहनोई प्रशांत शुक्ला उर्फ डबलू भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके मोबाइल की लोकेशन से पता चला है कि घटना की रात वह बिकरू गांव में मौजूद था.
(इनपुट IANS से)
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