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उत्तरप्रदेश के कानपुर में बिकरू गांव में 8 पुलिस वालों की हत्या की खबर पूरे देश में आग की तरह फैल गई. बता दें पुलिस वालों की हत्या तब की गई, जब वे एक हिस्ट्री शीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गए थे.
दैनिक भास्कर में घटना के पहले की पृष्ठभूमि पर डीटेल में चर्चा की गई है.
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, विकास दुबे को तब अंदेशा हो गया था कि पुलिस वाले लौटकर आएंगे. गुरूवार शाम करीब चार थानों की पुलिस ने डीएसपी के नेतृत्व में गांव में दबिश दी. पर विकास दुबे सारी योजना बना चुका था. उसने रास्ते में जेसीबी खड़ी करवा दी, ताकि पुलिस वाले बिखर जाएं, साथ में आसपास के घरों पर अपने बंदूकची तैनात कर दिए.
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट में हमले की भयावहता के बारे में डीटेल से बताया गया है. पुलिस वालों पर विकास के आदमियों ने एके-47 से गोलियां चलाईं. शहीद सिपाही जितेंद्र पाल के शरीर से एके-47 की गोली मिली. चार जवानों के शरीर से गोलियां आर-पार हो गईं.
इतना ही नहीं, विकास के लोगों ने मारे गए पुलिसकर्मियों के हथियार भी छीन लिए.
अमर उजाला ने अपनी रिपोर्ट में विकास के किलेदार घर के बारे में बताया है, जिसके चारों और ऊंची-ऊंची दीवारें थीं. इन्हें अब गिराया जा रहा है. इन तीस से चालीस फीट ऊंची दीवारों के ऊपर कांटेदार तारों से घेराव भी था.
विकास के किलेदार घरों में कई लग्जरी गाड़ियां भी थीं. उसने करोड़ों रुपये की संपत्ति पर जबरन कब्जा भी किया हुआ है. विकास दुबे के साथ बड़ी संख्या में युवा रहते थे, उसके घर की सुरक्षा में भी कई लोग तैनात रहते थे.
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