advertisement
कर्नाटक सरकार के बीफ बैन करने के फैसले से करीबी राज्य गोवा में रेड मीट की कमी हो गई है. गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि राज्य में बीफ के दो मुख्य सप्लायर कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीफ बैन करने से राज्य सरकार को सप्लाई के दूसरे राज्यों को संपर्क करना होगा.
फैसले के बारे में बात करते हुए सावंत ने कहा, "गोवा सरकार ये सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि राज्य की 30 फीसदी अल्पसंख्यक आबादी को बीफ की कमी न हो." प्रमोद सावंत राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार चलाते हैं.
सावंत का बयान गोवा चर्च के संगठन काउंसिल फॉर सोशल जस्टिस एंड पीस (CSJP) की 19 दिसंबर की एक अपील के बाद आया है. CSJP ने सावंत से कहा था कि कर्नाटक से सप्लाई बंद होने के बाद बीफ की कमी की दिक्कत को जल्दी हल किया जाए.
कर्नाटक विधानसभा ने 9 दिसंबर को प्रिवेंशन ऑफ स्लॉटर एंड प्रिवेंशन ऑफ कैटल बिल 2020 नाम से एक सख्त बिल पास किया. अभी इसे कर्नाटक विधान परिषद की मंजूरी मिलना बाकी है, लेकिन अभी से ही बीफ की कमी शुरू हो गई है.
गोवा में खाए जाने वाले रोजाना 25 टन बीफ का बड़ा हिस्सा कर्नाटक से आता है. बीफ की कमी भी ऐसे समय पर हुई है जब क्रिसमस और नए साल का मौका करीब है. इस दौरान गोवा में रेड मीट की डिमांड बढ़ जाती है.
इसकी वजह से गोवा के ईसाईयों में चिंता बढ़ गई है. राज्य में इनकी करीब 26 फीसदी आबादी है.
सावंत के बयान के बाद गोवा कांग्रेस डेस्क इंचार्ज और कर्नाटक विधायक दिनेश गुंडु राव ने बीफ बैन को लेकर बीजेपी पर 'डबल स्टैंडर्ड्स' का आरोप लगाया.
मीडिया से बात करते हुए राव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक नीति होनी चाहिए. उन्हें बीफ का एक्सपोर्ट बैन करने दीजिए. जहां योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, वो उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ा बीफ एक्सपोर्टर है. ये कैसे हो रहा है? ये सब पाखंड है और ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है."
दिनेश गुंडु राव ने कहा कि कर्नाटक में किसान परेशान हैं. उन्होंने कहा, "एक तरफ राज्य सरकार किसानों को उनकी गाय, भैंस की देखभाल में कोई मदद नहीं करती है, दूसरी तरफ सरकार कहती है कि किसान गोवंश को बेच नहीं सकते. ऐसी स्थिति में देखभाल कौन करेगा?"
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)