advertisement
कर्नाटक में ठेकेदार संतोष पाटिल (Contractor Santosh patil) की मौत के बाद सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ कर्नाटक सरकार में मंत्री केएस ईश्वरप्पा (KS Eshwarappa) के इस्तीफे की मांग हो रही है, दूसरी तरफ अब मंत्री ने कहा है कि मेरे खिलाफ डेथ नोट का झूठा प्रचार किया जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि,
हालांकि पुलिस ने मंत्री ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया है. बुधवार को पुलिस ने ये जानकारी दी है. FIR में मंत्री ईश्वरप्पा और उनके स्टाफ के दो सदस्यों को आरोपी बनाया गया है. हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक पीडित परिवार ने कहा है कि वो तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी नहीं हो जाती.
दरअसल ठेकेदार संतोष पाटिल 12 अप्रैल को उडुपी में मृत पाए गए थे. उन्होंने मरने से पहले एक सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें मंत्री ईश्वरप्पा पर आरोप लगाए गए कि वो एक प्रोजेक्ट की कुल लागत की 40 प्रतिशत रिश्वत मांग रहे थे.
सुसाइड नोट में संतोष पाटिल ने लिखा कि, मेरी मौत के लिए पूरी तरह से आरडीपीआर मंत्री केएस ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं. मैं अपनी आकांक्षाओं को दरकिनार करते हुए यह फैसला ले रहा हूं. मैं हमारे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, हमारे प्रिय लिंगायत नेता बीएसवाई और अन्य सभी से हाथ जोड़कर अनुरोध करता हूं कि मेरी पत्नी और बच्चों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएं
मैं कुछ दोस्तों को अपने साथ ले आया हूं, उनसे झूठ बोलकर कि हम पिकनिक पर जा रहे हैं. लेकिन वे मेरी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं हैं.
संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल ने कैमरे के रोते हुए कहा, "जब तक ईश्वरप्पा को गिरफ्तार नहीं किया जाता, हम शव को नहीं हटाएंगे. अगर एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति ने 4 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट किया है, तो यह कैसे किया होगा? यह कर्ज लेकर किया गया होगा, आप सभी को पूरे मामले के बारे में पता है. मैं मीडिया के जरिए जो मांग करना चाहता हूं वह यह है कि हमें न्याय मिलना चाहिए और ईश्वरप्पा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए."
एक तरफ कांग्रेस ने ईश्वरप्पा के खिलाफ प्रदर्शन किया है और इस्तीफे की मांग की है तो दूसरी तरफ सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा है कि संतोष पाटिल की मौत का सच सामने आएगा. मामले की पूरी जांच की जाएगी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ दिन पहले संतोष पाटिल ने पीएम मोदी को एक खत भी लिखा था. जिसमें कहा गया था कि उन्होंने ईश्वरप्पा के मौखिक निर्देशों पर गांव में 4 करोड़ का निवेश किया है. उन्होंने ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके बिल क्लियर करने की गुहार लगाई थी.
संतोष पाटिल हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव थे और ठेकेदारी करते थे. वो उन ठेकेदारों में शामिल थे जिन्होंने बीजेपी सरकार पर ठेकेदारों से ज्यादा रिश्वत मांगने का आरोप कुछ दिन पहले लगाया था. इसके अलावा 2019 के एक प्रोजेक्ट को लेकर भी उन्होंने आरोप लगाए थे कि मैंने उधार लेकर ये काम पूरा किया था लेकिन बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है और लेनदार मुझे परेशान कर रहे हैं.
ईश्वरप्पा शिमोगा से 5 बार के विधायक हैं और डिप्टी सीएम रह चुके हैं. बचपन में ही वो आरएसएस से जुड़ गए थे. वो इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए थे और उन्होंने कभी सीएम रहे येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया था. गरीब परिवार में जन्मे ईश्वरप्पा अब कर्नाटक में एक बड़ी राजनीतिक हस्ती हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)