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इंडियन यूथ कांग्रेस की कर्नाटक यूनिट के अध्यक्ष पद के चुनाव में उस समय विवाद हो गया जब एक उम्मीदवार मोहम्मद नलपद को सबसे ज्यादा वोट मिलने के बाद भी अयोग्य करार कर दिया गया.
चुनाव को कर्नाटक कांग्रेस के अंदर चल रही कलह के लक्षण के तौर को भी देखा जा रहा है.
रमैया पूर्व कांग्रेस एमएलसी सीताराम के बेटे हैं जबकि नलपद शांतिनगर से विधायक एनए हारिस के बेटे हैं.
मोहम्मद नलपद पर 2018 में शराब पीकर झगड़ा करने का आरोप है. इस घटना का जिक्र करते हुए कर्नाटक कांग्रेस के कई नेताओं ने उनकी उम्मीदवारी का विरोध किया. ऐसा भी माना जा रहा है कि नलपद के विरोधी रक्षा रमैया को कर्नाटक कांग्रेस के कई धड़ों का समर्थन मिला था. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम प्रमुख है.
पिछले एक साल से बेंगलुरु यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष नलपद अपने राजनीतिक करियर को बचाने के लिए अपनी छवि सुधारने पर काम कर रहे हैं.
उन्होंने DesignBoxed नाम की एक फर्म को हायर तक किया था. इस फर्म ने 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कैंपेन को संभाला था. इस चुनाव में कांग्रेस को पिछले कुछ सालों की सबसे बड़ी जीत हासिल हुई थी.
इससे जनवरी 2021 में होने वाले कर्नाटक यूथ कांग्रेस चुनाव में नलपद का चांस बढ़ गया था. लेकिन उनके विरोधियों ने पहले उनको अयोग्य ठहरने की मांग की और जब उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत मिली तो विरोधियों ने एक शिकायत दर्ज कराई. इसकी वजह से नतीजों को तीन हफ्तों के लिए रोक दिया गया.
वोटों की गिनती 3 फरवरी को शुरू हुई थी और नलपद को सबसे ज्यादा वोट मिले थे. लेकिन 4 फरवरी को यूथ कांग्रेस के चुनावों को मैनेज करने वाली NGO FAME ने उन्हें अयोग्य करार दे दिया. NGO FAME पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह का है.
नलपद ने एक वीडियो बयान में कहा, "मैं अपने समर्थकों का मेरे लिए वोट करने और कर्नाटक में सबसे ज्यादा वोट दिलाने के लिए शुक्रिया कहता हूं. हालांकि, मैं एक वफादार कांग्रेस वर्कर हूं और पार्टी का जो भी फैसला है, मैं स्वीकार करता हूं."
हालांकि, ये चैप्टर खत्म हो गया है लेकिन कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक कलह अभी बाकी है.
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