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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए बेटे कार्ति चिदंबरम को पांच दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है. कार्ति पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे हैं. सीबीआई अदालत ने उन्हें रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. सीबीआई ने कोर्ट से बाकी बचे 13 दिन की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी. सीबीआई का दावा है कि उसके पास कार्ति और दूसरी कंपनियों के बीच पैसों के लेनदेन के भी सबूत हैं.
सुनवाई के दौरान पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम भी कोर्ट में मौजूद थे. कार्ति की तरफ से दलील दे रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि हिरासत में लेकर पूछताछ करने का कोई आधार नहीं है.
बता दें कि कार्ति को बुधवार को चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था. सीबीआई सुबह से ही उनसे पूछताछ कर रही है.
कोर्ट जाते वक्त पत्रकारों ने कार्ति से बात करने की कोशिश की और उनसे पूछा कि क्या वो जांच में सीबीआई का सहयोग नहीं कर रहे हैं. कार्ति के पत्रकारों के सवालों का जवाब नहीं दिया और खामोश रहे.
सीबीआई ने कार्ति की गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए कहा कि कार्ति के जांच में असहयोग और लगातार विदेशी यात्राओं के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया है. बचाव पक्ष के वकील ने इसका विरोध किया. उनकी तरफ से कहा गया कि सीबीआई ने पिछले 6 महीनों में उनके मुवक्किल को तलब नहीं किया है.
वकीलों ने दलील दी कि कार्ति ने जांच में सहयोग नहीं किया था और वो लगातार विदेश की यात्राएं कर रहे हैं, जिससे ‘‘सबूतों के साथ उनके और दूसरे के द्वारा छेड़छाड़ की आशंकाओं की पुष्टि होती है''
सीबीआई अभियोजकों वी के शर्मा और पद्मिनी सिंह ने दलील दी कि कार्ति को गिरफ्तार किए जाने का एक और आधार ये है कि एजेंसी ने आईएनएक्स मीडिया (पी) लिमिटेड की पूर्व निदेशक इंद्राणी मुखर्जी के 17 फरवरी को मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किये थे. इंद्राणी ने अपने बयान में कहा था कि यहां हयात होटल में आईएनएक्स मीडिया की तरफ से कार्ति को 10 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि दी गई थी.
सीबीआई की दलीलों का विरोध करते हुए कार्ति की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि यह एक ‘‘बेतुका'' मामला है और गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं बनता है.
उन्होंने दलील दी कि कार्ति को सीबीआई ने पिछले साल दो बार 23 अगस्त और 28 अगस्त को तलब किया था और एजेंसी ने उनसे 22 घंटों तक पूछताछ की थी और इस दौरान कार्ति ने सभी सवालों के जवाब दिए थे.
सिंघवी ने कहा,‘‘इन दो दिनों के बाद, उन्हें (कार्ति) सीबीआई की तरफ से एक बार भी नहीं बुलाया गया. 180 दिन की चुप्पी के बाद वे कहते है कि कार्ति सहयोग नहीं कर रहे हैं.'' उन्होंने दावा किया कि गिरफ्तारी के लिए कोई कारण नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए है क्योंकि आप (सीबीआई) अपने बॉस को दिखाना चाहते हैं कि आप कुछ काम कर रहे हैं.''
सिंघवी ने कहा,दूसरों से अलग कार्ति हिंदुस्तान छोड़ने वाला नहीं बल्कि हिंदुस्तान लौटने वाला है.' उन्होंने कहा कि कार्ति सीबीआई के साथ सहयोग कर रहे हैं और एजेंसी की हिरासत से रिहा करते समय अदालत कोई भी शर्त लगा सकती है. सिंघवी ने अदालत को बताया,‘‘ मैं कार्ति कानून से भागने वाले नहीं हैं.
(इनपुट: PTI)
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